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NEET परीक्षा में बलिया के इन होनहारों ने लहराया परचम

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नीट यूजी का रिजल्ट आ गया है। इसमें बलिया के युवाओं ने परचम लहराया है। जिले के कई छात्र-छात्राओं ने परीक्षा में अव्वल अंक हासिल किए हैं। छात्र-छात्राओं की इस सफलता पर जिलेभर में हर्ष का माहौल है, चयनित बच्चों को मिठाई खिलाकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की जा रही है।

जिले के डीघा पचखोरा निवासी गरिमा यादव पुत्री शिवानंद यादव ने नीट परीक्षा में सफलता हासिल की है। गरिमा की प्रारंभित शिक्षा की बात करें तो कक्षा 6 से 8वीं तक आजमगढ़, और उसके बाद 12वीं तक की शिक्षा सीएचएस गर्ल्स स्कूल, वाराणसी से हुई। उन्होंने बड़ी बहन से प्रेरित होकर डॉक्टर बनने का लक्ष्य लेकर मेहनत शुरू की। गरिमा के पिता शिवानंद यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल हैं और उनकी तैनाती दशाश्वमेध (वाराणसी) थाने पर है।

वहीं बिल्थरा रोड के इमिलिया गांव निवासी रियासत अली विदेश में रहते है। इनका पुत्र अयान रजा ने 2022 नीट की परीक्षा में 720 में 635 अंक अर्जित कर सफलता अर्जित की है। अयान क्षेत्र के पिपरौली बड़ागाँव स्थित सेंटजेवियर्स स्कूल से वर्ष 2019 में इण्टर की परीक्षा पास किया है उसके बाद बनारस से नीट की परीक्षा के लिए कोचिंग की और दूसरे बार मे 635 अंक प्राप्त कर सफलता प्राप्त किया है।

वही नवनीत चौहान पुत्र ध्रुव चौहान ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में सफलता अर्जित कर क्षेत्र का रोशन किया है। जानकारी के अनुसार नवनीत के पिता किसान है। नवनीत ने भी दूसरी बार मे नीट की परीक्षा में 720 में 616 अंक प्राप्त कर क्षेत्र और जिले का मान उच्चा करने का कार्य किया है। नवनीत ने भी वर्ष 2019में सेंटजेवीयर्स पिपरौली बड़ागांव से इण्टर की परीक्षा पास किया है। और दूसरी बार मे ही नीट की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर सफलता अर्जित कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

बेल्थरारोड के वार्ड नंबर 4, शास्त्री नगर निवासी आर्यन जायसवाल के नीट की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है। वार्ड नंबर 4 की सभासद गीता देवी के पुत्र आर्यन जायसवाल ने नीट परीक्षा में 610 अंक लाकर ओबीसी श्रेणी में 6970 वां रैंक हासिल किया है। आर्यन ने बताया कि वह तीन घंटे कोचिंग के लिए कार्य पूरा करने के बाद 5 से 6 घंटा सेल्फ तैयारी करता था। वहीं बेलहरी ग्रामसभा के क्षेत्रपंचायत सदस्य भाई मंटू सिंह के भाई राज सिंह ने नीट में ऑल इंडिया रैंक 790 प्राप्त कर बेलहरी ब्लॉक का गौरव बढ़ाने का काम किया है।

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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