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बलिया में बनी PPE किट की पुरे देश में हो रही चर्चा, केंद्र सरकार ने भी लगाई मुहर

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रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर 

बलिया डेस्क: बलिया में बनी पीपीई किट को भारत सरकार की मंजूरी मिल गयी है। जिसकी चर्चा अब पुरे देश में हो रही है। बलिया जैसे छोटे जिले के लिए यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। कोरोना के नोडल व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट विपिन जैन ने बताया कि भारत सरकार की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की लेबोरेटरी में इस पीपीई किट की टेस्टिंग हुई। वहां से मंगलवार को मेल के जरिए यह जानकारी दी गयी कि बलिया में बनी किट की गुणवत्ता बेहतर है।

उन्होंने आज यहां जिला मुख्यालय पर पत्रकारों को बताया कि शुरुआती समय में मेडिकल टीम द्वारा अप्रूव की गई किट का उपयोग सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने किया और सभी सुरक्षित है। सबकी जांच कराई गई जिसमें सब स्वस्थ मिले। बाद में कपड़ा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नई गाइडलाइन जारी हुई , जिसके बाद इस किट को भारत सरकार की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के लेबोरेटरी में भेजा गया। बेसिक जांच में इसकी गुणवत्ता सही मिलने पर वहां के एडिशनल जनरल मैनेजर द्वारा भी इस बात को लेकर खुशी जाहिर की गई कि बलिया जैसे छोटे जिले में इसका निर्माण हुआ है। वहां से यूनिक सर्टिफिकेट कोड (यूसीसी) दिया गया, जो कि बड़ी बात है।

जब पूरे देश मे थी कमी तो स्थानीय स्तर पर प्रयास लाया रंग

कोरोना महामारी ने भारत में पांव पसारना शुरू किया तब पूरे देश में पीपीई किट की कमी थी। एयरलिफ्ट के जरिए अन्य देशों से मंगाई जा रही थी, लेकिन वह पर्याप्त नहीं थी। उसके बाद संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन के मन मे स्थानीय स्तर पर इसकी व्यवस्था करने का ख्याल आया। उन्होंने उद्योग केंद्र के माध्यम से खालसा बैग हाउस से सम्पर्क किया। खालसा बैग हाउस भी इसको बनाने के लिए आगे आये। कपड़ा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन को ध्यान से पढ़ा गया और उसके हिसाब से इसे बनाने का प्रयास शुरू हुआ।

सीएमओ, उपायुक्त उद्योग के साथ मिलकर सुरक्षा संबंधी विषय पर लगातार चर्चा की। खालसा बैग हाउस से सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने रॉ मैटेरियल की व्यवस्था की। इसमें प्रयोग होने एंटी बैक्टीरियल किट को बेंगलुरू से मंगाया। इतना ही नहीं, छाबड़ा स्वयं भी नोएडा आदि जगहों पर जाकर किट की कमियों का अध्ययन किया और उनको दूर करने का प्रयास किया। तब जाकर स्थानीय स्तर पर एक कारगर किट आसानी से उपलब्ध हो सकी।

आधे खर्च में कोरोना योद्धाओं को मिला सुरक्षा कवच

स्थानीय स्तर पर पीपीटी उपलब्ध होने से एक बड़ा फायदा यह हुआ कि नो प्रॉफिट-नो लॉस के आधार पर अन्य जिले के मुकाबले आधे खर्च में कोरोना योद्धाओं के लिए सुरक्षा कवच मिल गया। जी हां, पीपीई किट पर अन्य जिलों के अपेक्षा यहां कम खर्च हुआ। जो किट अन्य जिलों में 1200 की पड़ रही है, यहां 600 में उपलब्ध हो जा रही है। इस तरह आधे खर्च में कोरोना योद्धाओं के लिए सुरक्षा कवच उपलब्ध हो सका। इसके लिए सुरेंद्र सिंह छाबड़ा बधाई के पात्र हैं

उद्यम समागम की सोच अब हो रही पूरी, मिला बढ़िया स्टार्टअप

वर्ष 2019 में जिले में समागम हुआ था और उसमें उद्यमियों को आमंत्रित किया गया था। अपेक्षा थी कि बलिया में भी काम कर औद्योगिक इकाइयां स्थापित करें और कुछ नया स्टार्टअप हो। कोरोना काल में यह सोच पूरी होती दिख रही है। स्थानीय स्तर पर बनी पीपीई किट के रूप में यह स्टार्टअप मिला। इसकी गुणवत्ता पर भारत सरकार की ओर से मंजूरी मिलने के बाद इसे एक बढ़िया स्टार्टअप माना जा रहा है।

नहीं है स्टॉक की चिंता, जरूरत पड़ी तो दूसरे जिले को भी देने की क्षमता

संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन ने कहा कि स्थानीय स्तर पर इसे किट को बनाने का फायदा यह भी हुआ कि आज हमें स्टॉक की कोई चिंता नहीं है। जरूरत पड़ने पर कभी भी सौ-दो सौ पीपीई किट बनाया जा सकता हैं। इतना ही नहीं, अगर अन्य जिलों को बहुत जरूरत पड़ गई तो उन्हें हम उपलब्ध भी करा सकते हैं। हप्ते दिन का समय मिला तो हजार-डेढ़ हजार किट देने की क्षमता हो गयी है। मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश का पहला जनपद बलिया है जहां स्थानीय स्तर पर बेहतर गुणवत्ता की पीपीई किट का निर्माण हुआ है। भारत सरकार की लेबोरेटरी में इसकी टेस्टिंग भी हुई जिसमें इसकी गुणवत्ता पर हरी झंडी मिल गयी।

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बलिया में पारा 40 के पार, प्रशासन ने हीट स्ट्रोक से बचने के लिए जारी की गाइडलाइन

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बलिया में इस वक्त सूरज अपना कहर बरपा रहा है। पारा लगातार ऊपर चढ़ रहा है और कई जगह तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच चुका है। इसकी वजह से लोगों का हाल बेहाल हो गया है। मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ गई है। इसे देखते हुए जिला अस्पताल में विशेष इंतजाम किए गए हैं।

बता दें कि मौसम विभाग ने इस साल भीषण गर्मी पड़ने की आशंका जाहिर की है। मौसम विभाग के मुताबिक़ इस साल अन्य सालों के मुकाबले ज्यादा गर्मी पड़ सकती है। इस बार लू भी पहले के मुकाबले ज्यादा दिन चलेगी। ऐसे में जरूरी है कि हम लू, हीट स्ट्रोक से बचाव पर ध्यान दें। इससे बचाव के लिए प्रशासन ने सुझाव साझा किया है। प्रशासन ने स्लोगन दिया है ‘बच्चे तो गर्मी में खेलेंगे जनाब, पर तेज धूप लू ना करें उनका मजा खराब’।

प्रशासन ने हीट स्ट्रोक और लू से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की है। प्रशासन ने गर्मी के लक्षण बताए हैं, इसमें बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, दौरा पड़ना, चिड़चिड़ापन, सर दर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी चक्कर आना, बड़बड़ाना,सांस और दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, नींद से जागने में कठिनाई, शरीर का तापमान 105 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होना शामिल है। प्रशासन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि गर्मी के कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं।

प्रशासन ने अपील की है कि बच्चों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ दें, शरीर को ढक कर रखें, धूप में खेलने से बचें, बच्चों को में गाड़ी लॉक ना करें। हीटस्ट्रोक के लक्षण प्रतीत होने पर बच्चे को तुरंत अंदर या छांव में लाये, नल के पानी से शरीर को पोछें या छिड़काव करें, बच्चों के कपड़े जहां तक हो सके ढीला कर दें, यदि बच्चा होश में है तो उसे तुरंत शीतल जल पिलायें,अगर बच्चे को उल्टियां हो तो उसे करवट के बल लिटाएं। पंखे के इस्तेमाल से हवा का प्रवाह तेज करें बेहोशी की हालत में बच्चे को कुछ ना दें।

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बलिया निवासी रिटायर्ड जवान ने बीटेक छात्र को मारी गोली, हुई मौत, हत्या के आरोपी पिता ,पुत्री गिरफ्तार

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गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में दिल दहला देने वाला घटनाक्रम सामने आया है। यहां बलिया निवासी एक रिटायर्ड जवान ने बलिया के रहने वाला बीटेक के छात्र विपुल की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि मृतक छात्र आरोपी की बेटी का बॉयफ्रेंड था। फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, मामला गाजियाबाद जिले के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके का है। यहां एक इंजीनियरिंग छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी और मृतक छात्र के बीच शनिवार रात को बहस हुई थी, जिसके बाद उसने बीटेक छात्र की हत्या कर दी।

इस मामले में पुलिस उपायुक्त विवेक चंद्र यादव ने कहा, बलिया निवासी 25 वर्षीय बीटेक छात्र विपुल की एक रिटायर्ड सुरक्षाकर्मी ने गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी राजेश कुमार सिंह भी बलिया के निवासी हैं और बीएसएफ से रिटायर्ड है, जो एक निजी सुरक्षा फर्म में कार्यरत है।

अधिकारी ने कहा, ‘विपुल कथित तौर पर आरोपी की बेटी के साथ रिश्ते में था। आरोपी रात में फ्लैट पर पहुंचा। विपुल के साथ उसकी बहस हुई, जिसके बाद उसने विपुल को पांच गोलियां मार दीं।’ पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं हत्या करने के मामले में पुलिस ने दीप्ति व उसके पिता राजेश को गिरफ्तार कर लिया।

 

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बलिया में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर प्रशासन सख्त, वसूला जाएगा जुर्माना

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बलिया में आए दिन आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है। इन घटनाओं में आर्थिक नुकसान के साथ साथ संसाधनों की क्षति हो रही है। ऐसे में अब जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने किसानों को पराली न जलाने की चेतावनी दी है। उन्होंने किसानों को बताया कि पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम हेतु पराली, फसल अपशिष्टों को जलाना एक दण्डनीय अपराध है। राजस्व विभाग द्वारा पर्यावरण को हो रहे क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश दिया गया है।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारीयों को पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया है कि दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपए, दो से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए 5 हजार रुपए तथा पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15 हजार रुपए तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली के निर्देश दिया गया है।

पराली जलाने की घटना पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में राजस्व विभाग द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अन्तर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदण्ड इत्यादि की कार्रवाई के प्रावधान किया गया है।

 

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