बलिया
शर्तों के साथ खुलेगी दवा की दुकानें, देखें डीएम का आदेश
बलिया. वाराणसी के सप्तसागर मंडी में एक दवा कारोबारी के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद उक्त मंडी से दवा लाने वाले कारोबारियों की दुकानों को एहतियातन बंद रखने के आदेश दिए गए थे. इसके बाद व्यापारियों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे जाने के साथ उन्हें होम क्वारेंटीन किया गया था. भेजे गए नमूने की निगेटिव रिपोर्ट 30 अप्रैल और 2 मई को स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हो गई है. जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने सम्बन्धित दुकानों को शर्तो के साथ खोलने के लिए अलग-अलग तिथि निर्धारित कर दुकानों को खोलने के आदेश दिए है. बलिया केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आनन्द सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि संगठन के सभी सदस्य कोरोना को हराने और देश को जिताने के लिए अपने देश की सर्वोच्च संस्था एआइओसीडी व जिला प्रसाशन के निर्देशों का पूरी तरह से पालन होगा. सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन एवं मास्क का उपयोग के साथ दवा की बिक्री होगी. उन्होंने बताया वाराणसी के दवा व्यापारी के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद यहां भी कोरोना होने की अफवाहें उड़ीं, लोगों को जीवन रक्षक दवाओं के लिए परेशानी की बात संगठन ने जिलाधिकारी महोदय, राष्ट्रीय महामंत्री, उपाध्यक्ष एवं अभिहित आधिकारी को बताया. साथ ही दवा आपूर्ति मे आ रही बाधा के तत्काल निराकरण की मांग की. जिसको जिलाधिकारी ने गम्भीरता से लिया और शर्तों के साथ अलग अलग तिथि से दुकानों को खोलने के आदेश दिए. अध्यक्ष आनन्द सिंह, बब्बन यादव, मनोज श्रीवास्तव, रविन्द्र वर्मा, राजेश, विशाल, अनिल त्रिपाठी, संदीप अग्रवाल, संजू श्रीवास्तव, विनोद, राजू, ललित गुप्ता, काशीनाथ गुप्ता, रवीशंकर गुप्ता, वरुण त्रिपाठी, श्री प्रकाश जायसवाल, ड्रग क्लर्क रवी पाण्डेय,नीरज आदि उपस्थित रहे.
बैरिया। आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करके गलत सूचना सबमिट करने की वजह से एलर्ट सिग्नल को लेकर बलिया की स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम सहित बैरिया पुलिस हलकान रही.
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने तरह तरह के सिस्टम सार्वजनिक रुप से पालन कराने के लिए तत्पर है.इसी के क्रम में केन्द्र सरकार ने आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करके सभी को डिटेल जानकारी सबमिट करने को कहा है जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण वाले लोगों की पहचान और उसकी सूचना जिलास्तरीय स्वास्थ्य टीम को मिलते ही तत्काल संक्रमित लोगों का ईलाज हो सके.
बैरिया पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम को दिन बृहपतिवार को आरोग्य सेतु एप्प पर रेड एलर्ट सिग्नल मिलते ही दयाछपरा क्षेत्र में मिल रहे सिग्नल को लेकर हलकान रही और घण्टो प्रयास के बाद उक्त व्यक्ति की पहचान होने के बाद पुछताछ के दौरान पता चला कि उसे इस एप्प के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी जिससे गलत सूचना डालने के बाद रेड एलर्ट सिग्नल देने लगता हैं.इस बाबत थाना प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार त्रिपाठी से पुछने पर बताया कि उस व्यक्ति को इस एप्प के बारे में जानकारी नहीं होने से गलत सूचना सबमिट कर दिया था जिससे रेड एलर्ट सिग्नल मिलने के बाद जिलास्तरीय स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम एवं पुलिस सक्रिय हो गए.हालांकि गलत सूचना डालने पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती हैं लेकिन कम पढे लिखे होने की वजह से उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.सभी लोगों को इस एप्प के बारे में जानकारी लेना चाहिए ताकि बेवजह स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम और पुलिस की समय बर्बाद ना हो सके.
बलिया
बलिया: मारपीट से जुड़े मामले में इंसाफ न मिलने पर पीड़ित ने एसपी से लगाई गुहार
बलिया पुलिस में इंसाफ न मिलने पर बिशुनीपुर निवासी प्रशांत कुमार ने पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने बताया कि बीते 10 मार्च को 40 से 50 की संख्या में बदमाशा मेरे घर में घुसकर मारपीट किए। उसमें से जो मुख्य आरोपी है वह तथाकथित भाजपा नेता भी है। मारपीट में मेरे घर के लोगों को काफी चोटें आईं।
पीड़ित ने बताया कि बदमाशों ने घर में तोड़फोड़ भी की। इस मामले में कोतवाली में तहरीर दी गई, लेकिन कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने के बजाय उल्टे मेरे ही परिवार के उपर क्रास कराने की धमकी दी।
अब पीड़ित प्रशांत कुमार सिंह उर्फ विक्की ने पुलिस के सामने न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों के ऊपर जल्द से जल्द कार्रवाई कर उन्हे गिरफ्तार किया जाए। फिलहाल पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
बलिया
बलिया: संपूर्ण समाधान दिवस पर हुई चूक के मामले में चौकी प्रभारी और सिपाही निलंबित
बलिया में संपूर्ण समाधान दिवस पर पहुंचे एक युवक ने अधिकारियों के सामने ही खुद पर चाकू से आत्मघाती हमला कर दिया था। युवक का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। इस मामले में लापारवाही बरतने वाले अधिकारियों पर प्रशासन की गाज गिरी है। प्रशासन ने बांसडीह चौकी प्रभारी राजेश सिंह और सिपाही प्रदीप कुमार को निलंबित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, पिंडहरा निवासी सनोज गोंड़ संपूर्ण समाधान दिवस पर शिकायत करने पहुंचा था। एसपी से बात कर रहा था। इस बीच किसी बात को लेकर आक्रोशित हो गया और चाकू से कई बार खुद पर वार कर लिया। बताया जा रहा है कि छह महीने से पीड़ित थाना और तहसील में चक्कर काट रहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इससे परेशान होकर उसने आत्मघाती कदम उठाया।
इस घटना के बाद डीएम रवींद्र कुमार ने एसडीएम और सीओ की संयुक्त टीम बना दी तो वहीं एसपी देवरंजन वर्मा ने सुरक्षा में हुई चूक की जांच कराने को कहा। इस मामले में हैरानी की बात ये रही कि प्रकरण की जांच करने के लिए बनाई गई टीम चौबीस घंटे बाद भी फरियादी के घर नहीं पहुंची। मामले को लेकर पुलिस और राजस्व विभाग एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ रहे हैं। अब मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। सुरक्षा में हुई चूक के लेकर चौकी प्रभारी और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
मामले की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, बांसडीह कोतवाली के पिंडहरा गांव में 2015 में शिकायतकर्ता की मां प्रभावती देवी सहित अन्य तीन चार लोगों निलकर भूमि खरीदी थी। सभी आपस में हिस्से की जमीन का बंटवारा कर लिया था। इस बीच प्रभावती के बेटे सनोज गोंड और अशोक के बीच प्रस्ताव छज्जा निर्माण का विवाद चल रहा था। 18 जनवरी को सनोज गोंड ने दीवानी न्यायालय में बाद दखिल किया था, जो विचारधीन है।
पीड़ित युवक ने कई माह में अपनी समस्या को लेकर 19 प्रार्थना पत्र दिये गये हैं। इसमें पुलिस के पास तीन प्रार्थना पत्र व राजस्व विभाग के पास 16 प्रार्थना पत्र लंबित हैं। मामले में पुलिस द्वारा विवाद को लेकर दोनों पक्षों का दो बार शांति भंग में चालान किया गया है। वहीं, राजस्व विभाग द्वारा भी मामले में तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर रिपोर्ट लगाई गई है। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस व राजस्व विभाग दोनों ने अपनी तकनीकी दक्षता दिखाई, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं किया जा सका।
एसडीएम बांसडीह अभिषेक प्रियदर्शी ने बताया कि सनोज का मामला दीवानी न्यायलय में चल रहा है इसलिए इसमें ज्यादा प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हो सकती है। मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। आचार संहिता लगने के कारण चुनाव आयोग के निर्देशों को लेकर थोड़ी व्यस्तता हो गई है। मौके पर निर्माण रोक दिया गया है, निगरानी की जा रही है।
बलिया
बलिया: ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की मौत, परिजनों ने कहा- डॉक्टरों की लापारवाही से गई जान
बलिया के सिकंदरपुर के मनियर थाना क्षेत्र में ऑपरेशन के दौरान लापारवाही से एक प्रसूता की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद परिजनों को समझा बुझा कर मामला शांत कराया।
जानकारी के मुताबिक, बैरिया थाना क्षेत्र के सुरेमनपुर गांव निवासी 25 वर्षीय बेटी पिंकू यादव वर्ष पत्नी प्रदीप यादव अपने मायके में प्रसव कराने के लिए आई थी। शनिवार की सुबह पेट दर्द होने के बाद वह अपने भाभी सुगती देवी व बहन रिंकू यादव के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंची।
जहां चिकित्सक डॉ अंशुमन राय ने ऑपरेशन करने का सलाह दिया। परिजनों के कहने पर चिकित्सक प्रसूता को ऑपरेशन थिएटर में ले गए, लेकिन 2 घंटे बाद परिजनों को पता चला की प्रसूता की मौत हो गई है, इसके बाद परिजन हंगामा करने लगे।
वहीं चिकित्सकों ने प्रसूता को जीवित बता कर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया, लेकिन परिजनो ने प्रसूता को ले जाने से इनकार कर दिए और चिकित्सक पर लापारवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग करने लगे। करीब 4 घंटे तक हंगामा चलता रहा, इसके बाद पुलिस पहुंची और हस्तक्षेप के बाद चिकित्सक डॉक्टर अंशुमन राय और कुछ स्टाफ के साथ एंबुलेंस से प्रसूता को बलिया भेजा गया। हालांकि तब तक प्रसूता की मौत हो चुकी थी।
मृतिका की भाभी ने बताया कि मै अपनी ननद पिंकू को लेकर सुबह 11 बजे के आस-पास अस्पताल पहुंची थी। उसके पेट में बहुत दर्द था। डॉक्टर अंशुमान ने चेकअप किया और बोले कि ऑपरेशन करना होगा। हमने परिजनों और ननद के पति से बात की। उनकी अनुमति मिली तो हमने डॉक्टर को हां कर दी। उन्होंने तैयारी की और दोपहर डेढ़ बजे पिंकू को लेकर ऑपरेशन थियेटर में चले गए। 4 बजे के आस-पास डॉक्टर बहार आए और कहा कि उसकी हालत सीरियस है, जिला अस्पताल ले जाओ। तब हम समझ गए इन्होंने मेरी ननद की जान ले ली।’
मृतिका के पति प्रदीप यादव का रो रो कर बुरा हाल है। प्रदीप की शादी पिछले वर्ष अप्रैल माह में ही हुई थी। नई खुशियां आने से पहले ही उसने अपने हमसफर को खो दिया। प्रदीप का कहना है कि ‘मेरी तो दुनिया ही उजाड़ गई। एक झटके में भगवान ने मुझसे पत्नी के साथ ही साथ बच्चा भी छीन लिया।
घटना के बाद परिजनों ने हंगामा किया, लेकिन डॉक्टर सफाई देते रहे। फिलहाल उपजिलाधिकारी रवि कुमार, क्षेत्राधिकारी आशीष मिश्र, थानाध्यक्ष दिनेश पाठक, चौकी प्रभारी रविंद्र पटेल ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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