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ज़मीन विवाद- बीजेपी विधायक ने जमकर उड़ाई सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जिया

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बलिया : देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हर दिन कोरोना के नए आंकड़े सामने आ रहे हैं।  इसको देखते हुए लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है। सरकार की इन कोशिशों के बीच कुछ ​लोग अभी भी केंद्र सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाने से चूक नहीं रहे हैं। मामला बलिया के सबसे बड़बोले विधायक सुरेन्द्र सिंह का है जहाँ अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जिया उड़ाते हुए तहसील पहुचे थे। सोशल मीडिया पर भी ये तस्वीरें काफी वायरल हो रही है।

इस तस्वीर पर लोगों का दावा है की ये एसडीएम को जमीन विवाद में पत्रक देने के बाद की है जिसके बाद लोग इन तस्वीरों पर सवाल भी उठा रहे हैं । गौरतलब है की मेले की जमीन को लेकर विधायक और सांसद के भांजे आमने- सामने हैं।  इसी को लेकर विधायक अपने लाव लश्कर के साथ तहसील पहुचे थे। जहाँ उन्होंने आरोप लगाया है कि इब्राहिमाबाद में दो सौ एकड़ जमीन पर तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से भूमाफियाओं ने नाम अंकित करा लिया है, लेकिन जनदबाव की वजह से काबिज नहीं हो सके हैं। उक्त जमीन में ही वर्षों से सुदिष्ट बाबा का ऐतिहासिक पशु मेला लगता है।

विधायक ने लिखा है कि पिछले दिनों सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त के भांजे के नाम से भूमाफियाओं से जमीन की रजिस्ट्री करायी गयी है। इन सभी फर्जी कार्यों को करने वालों व भूमाफियाओं को क्षेत्र के प्रभावी जनप्रतिनिधियों द्वारा बचाया जाता रहा है।

पत्रक देने के बाद तहसील परिसर में समर्थकों को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि द्वाबा की तपोभूमि पर भ्रष्टाचारियों के लिए कोई जगह नहीं है। यहां गलत करने वालों को दण्ड जरूर मिलता है। उन्होंने कहा कि इब्राहिमाबाद की जिस जमीन पर सुदिष्ट बाबा का पशु मेला लगता है उसे बचाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा। चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं हुआ तो द्वाबा बचाओ-बेईमान भगाओ रैली की जायेगी।

वहीँ मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए विनय सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य मेरे मामा व मेरे परिवार की छवि को धूमिल करना है। इसीलिए वे तथ्यों को तोड़मरोड़ कर रख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मैं बार-बार कह रहा हूं कि जमीन के सही गलत का निर्णय राजस्व विभाग करेगा। विधायक को अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है। खरीदी गई जमीन काश्तकारों की है। विधायक को कोई आपत्ति है तो उन्हें सक्षम अधिकारियों के सामने प्रकरण रखना चाहिए।

जनता के बीच जाकर शोर मचाने का उनका उद्देश्य कुछ और है। विनय ने कहा कि विधायक लगातार हमलोगों की मानहानि कर रहे हैं। इसे लेकर उन्हें वकील के माध्यम से 25 करोड़ की नोटिस भेजी जा रही है। इस प्रकरण को लेकर मैं भी जल्द ही जनता के बीच जाऊंगा।

(सभी फोटो सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है) 

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सलेमपुर लोकसभा: बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

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लोकसभा चुनाव चुनाव के लिए रवींद्र कुशवाहा को इस बार भी बीजेपी ने सलेमपुर सीट से टिकट दिया है. सपा ने यहां रमांशकर राजभर को मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट की लड़ाई दिलचस्प तब हो गई जब मायावती की बसपा ने भीम राजभर को ताल ठोकने भेज दिया.

सलेमपुर लोकसभा सीट पर क्या है समीकरण? बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी का कितना असर है? बसपा की ओर से भीम राजभर को टिकट दिए जाने के बाद क्या सपा के लिए ये लड़ाई मुश्किल हो गई है? और क्या बसपा ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया है?

बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

मायावती ने बसपा के पूर्व यूपी अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से टिकट दिया था. लेकिन फिर उनकी सीट बदल दी गई. अब भीम राजभर को सलेमपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है. सपा ने यहां से रमाशंकर राजभर को टिकट दिया है. ऐसे में ज़ाहिर है कि सपा की ओर जा सकने वाला राजभर वोट भीम राजभर की एंट्री से बंट जाएगा.

ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा और बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में आजमगढ़ में बसपा का राजभर उम्मीदवार इस वर्ग के वोट के बंटवारे की वजह बनता. ऐसे में चर्चा है कि मायावती ने आजमगढ़ से अपने राजभर प्रत्याशी को कहीं और शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया. ऐसे में सलेमपुर सीट सबसे मुफीद साबित हुई क्योंकि यहां सपा के उम्मीदवार रमाशंकर राजभर इसी समाज से आते हैं.

बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ गुस्सा!

2014 में बीजेपी पहली बार सलेमपुर सीट से चुनाव जीत पाई थी. तब पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र कुशवाहा थे. कुशवाहा को पार्टी ने फिर 2019 में जीत दोहराने की उम्मीद से मैदान में उतारा और उन्होंने प्रदर्शन दोहरा भी दिया. अब 2024 में पार्टी ने इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए अपने सीटिंग सांसद को मौका दिया है. लेकिन इस बार पेंच फंस गया है. क्षेत्र की जनता में रवींद्र कुशवाहा के खिलाफ नाराज़गी है. आरोप लगता है कि कुशवाहा कभी अपने क्षेत्र की जनता का हाल जानने नहीं पहुंचते हैं. कोविड जैसे क्रूर दौर में भी उन्होंने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. पिछले महीने ही बलिया के गांव भीमपु में सांसद रवींद्र कुशवाहा जनता-जनार्दन का हाल जानने पहुंचे. लेकिन हाथों में पोस्टर लिए गांव के लोगों ने गाड़ी रोक दी. और नारेबाज़ी की, “योगी-मोदी से बैर नहीं, रवींद्र तुम्हारी ख़ैर नहीं!”

सलेमपुर सीट का मूड:

सलेमपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें देवरिया जिले की दो- भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीटें हैं. जबकि बलिया में पड़ती हैं 3 विधानसभा सीटें- बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सलेमपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से बीजेपी की विजयलक्ष्मी गौतम, भाटपार रानी से बीजेपी के सभा कुंवर कुशवाहा और बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर बीजेपी की केतकी सिंह, बेल्थरा रोड (सुरक्षित) सीट से सुभासपा के हंसूराम और सिकंदरपुर से सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने. विधानसभावार तरीके से देखें तो तीन सीटें बीजेपी के पास, एक उसकी साथी पार्टी के पास और एक सपा के पास है.

करीब 17 लाख वोटर्स वाले सलेमपुर सीट की जातिगत समीकरणों की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी जाति (कुशवाहा) के मतदाताओं की संख्या अधिक है. करीब 15 फीसदी ब्राह्मण, 18 फीसदी कुर्मी, मौर्य, कुशवाहा, 14 फीसदी राजभर, 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 4 फीसदी क्षत्रिय, 13 फीसदी अल्पसंख्यक जाति के मतदाता है. जबकि लगभग 4 फीसदी वैश्य, 2 फीसदी यादव, 2 फीसदी कायस्थ, 2 फीसदी सैंथवार और 4 फीसदी निषाद और बाकी अन्य जाति के वोटर्स हैं.

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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