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मणि मंजरी सुसाइड केस: 45 दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं आरोपी

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बलिया डेस्क :  मनियर नगर पंचायत की ईओ मणि मंजरी राय की आत्महत्या प्रकरण की गुत्थी तकरीबन डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी नहीं सुलझ सकी है। मामले में केस दर्ज हुए भी सवा महीने से ऊपर हो गया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ ड्राइवर चंदन कुमार को गिरफ्तार किया गया है। बाकी आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। इस मामले में कई लोगों को आरोपी बनाया गया है।

लेकिन उनमें से किसी को भी पुलिस गिरफ्तार करने में अभी तक नाकाम रही है। केस में मुख्य आरोपी नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता और ईओ सिकंदरपुर संजय कुमार राव ने गिरफ्तारी पर रोक के लिए हाईकोर्ट का सहारा लिया है। वहीं मामले में आरोपी मनियर नगर पंचायत के टैक्स व कंप्यूटर बाबू भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। मणि मंजरी राय के परिजनों का आरोप है कि पुलिस सत्ताधरी दल के एक प्रभावशाली नेता के दबाव में आकर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है।

बता दें कि 6 जुलाई की रात शहर के आवास विकास कॉलोनी स्थित अपने आवास में ईओ नगर पंचायत मनियर मणि मंजरी राय का शव फांसी के फंदे से लटकता मिला था। इस मामले में मणि मंजरी के भाई विजयानंद राय ने कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया था। उनके भाई ने मामले में मनियर चेयरमैन भीम गुप्ता, सिकंदरपुर के तत्कालीन ईओ संजय राव, टैक्स लिपिक विनोद सिंह, कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश कुमार, चंदन कुमार समेत कई लोगों को आरोपी बनाया था।

लेकिन पुलिस डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी सिर्फ ड्राइवर चंदन कुमार को गिरफ्तार कर सकी है। जबकि आरोपी चेयरमैन, ईओ , टैक्स लिपिक, कंप्यूटर ऑपरेटर आज तक पुलिस की पुहंच से दूर हैं। इस बीच खबर है कि चेयरमैन भीम गुप्ता और ईओ सिकंदरपुर संजय राव ने बारी-बारी से इलाहाबाद हाईकोर्ट में एंटीसिपेट्री बेल के लिए अर्जी डाली है। किन्ही कारणों से दोनों के ही मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब कोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए 27 अगस्त को इसपर सुनवाई करेगी।

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बलिया के विकास के 5 काम नहीं बता पाए प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र!, डीएम ने संभाला मोर्चा

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बलिया। यूपी सरकार के 6 साल पूरे होने पर प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र (दयालु) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। लेकिन बलिया के विकास से सम्बन्धी कोई भी 5 काम के बारे में मंत्री नहीं बता पाए प्रभारी मंत्री असमर्थ दिखे और बुकलेट का हवाला देने लगे। हालांकि डीएम रवींद्र कुमार ने पुस्तक विमोचन की बात कहते हुए मोर्चा संभाल लिया।

दरअसल पहले तो प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र (दयालु) ने प्रदेश के तमाम विकास के बारे में बताया। फिर मीडिया से मुखातिब हुए। मीडिया ने जिला अस्पताल की चर्चा करते हुए कई सवाल किए जिसका जवाब मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने बखूबी दिया।

लेकिन एक सवाल का ज़बाब देने में मंत्री उलझ गये। सवाल ये रहा कि प्रदेश के बारे में जानकारी मिल गई।
अब बलिया के 5 कोई काम बता दीजिए लेकिन मंत्री असमर्थ दिखाई दिए। हालांकि डीएम रवींद्र कुमार ने पुस्तक का विमोचन करने की बात कहते हुए मोर्चा संभाल लिया।

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बलियाः हत्या के मामले में दोषी आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

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बलिया। सत्र न्यायालय ने हत्या के मामले में दोषी पाते हुए एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है।

बता दें कि मामला हल्दी थाना क्षेत्र के हांसनगर गांव का है। जहां बारात में फोटो खींचने के दौरान विवाद हो गया। इस विवाद में आरोपी सूरज ने अपने चचेरे भाई विशाल साहनी की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। भाई बादल साहनी की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी सूरज साहनी को सात जून 2021 को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों आरोपियों रामायण साहनी पुत्र स्व. सुखराज साहनी, सरल साहनी पुत्र रामायण साहनी, पतरु साहनी पुत्र रामायण साहनी निवासी हांसनगर को हल्दी पुलिस ने दो दिन बाद गिरफ्तार किया था।इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की। जहां सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार पांडेय ने आरोपी सूरज साहनी को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया। आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए तीन वर्ष के कारावास और पांच हजार के अर्थदंड से दंडिता किया। वहीं, कृष्णा साहनी, रामायण साहनी और अन्य आरोपी को दोषमुक्त किया गया।

गौरतलब है कि सूरज साहनी ने पत्नी के साथ जहरीला बिस्कुट खा लिया था। दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान प्रेमिका की मौत हो गई थी। सूरज साहनी को बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजा गया था।

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बलियाः 65 करोड़ की लागत से बनेगा भृगु कॉरीडोर

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बलिया में विकास की धारा फिर बहेगी। 65 करोड़ की लागत से भृगु कॉरीडोर के साथ ही चित्रगुप्त मंदिर और शहीद पार्क में विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके साथ ही जनपद में छह स्थानों पर प्रवेश द्वार भी बनाए जाएंगे।

परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह इस परियोजना को लेकर बेहद गंभीर थे और उनके प्रयास के बाद इस परियोजना को मंजूरी मिली है। गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यटन और संस्कृति परिषद की बैठक में पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने डीएम के सामने इसका प्रजेंटेशन दिया था।

अब परियोजना का अनुमोदन किया गया था। शासन ने स्वीकृति परियोजना में कुल 3 फेज में विकास कार्य कराए जाएंगे। पहले फेज में भृगु मंदिर को विकसित किया जाएगा। अब मंदिर के विकास के साथ ही गंगा नदी से मंदिर तक रास्ते आदि का निर्माण भी किया जाएगा। दूसरे फेज में चित्रगुप्त मंदिर को विकसित किया जाएगा। यहां भृगुमंदिर परिसर में ही स्थित है।योजना बनाते समय महर्षि भृगु के गंगा नदी के पार परसिया स्थित मूल आश्रम को मंदिर से जोड़ने की बात भी कही गई थी। ये जल मार्ग से होना था। स्वीकृत योजना में गंगा नदी से मंदिर कर रास्ते की बात है। परियोजना के तहत सभागार, कांफ्रेंस हॉल, पेयजल के लिए वॉटर कूलर, यात्रा निवास और शौचालय का निर्माण किया जाएगा।

इसके साथ ही तीसरे फेज में शहर के चौक स्थित शहीद पार्क का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही यहां स्थापित महात्मा गांधी की नई प्रतिमा भी लगाई जाएगी। साथ ही यहां एक लाइब्रेरी का निर्माण भी कराया जाएगा। इसके साथ ही जनपद में प्रवेश करने वाले छह मार्गों पर प्रवेश द्वार का भी निर्माण किया जाएगा। इन सभी को लेकर भृगु कारीडोर तैयार होगा।

पर्यटन विभाग एडीओ अनिल सक्सेना ने बताया कि भृगु कारीडोर के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसे स्वीकृत कर दिया गया है। कार्यदायी संस्था भी तय कर दी गई है। उम्मीद है कि अप्रैल तक कार्य शुरू हो जाएगा।

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