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राज्यसभा में बोले पीएम मोदी, कहा- ‘हम नेम चेंजर नहीं बल्कि AIM चेंजर हैं’

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बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद मंगलवार को पीएम मोदी ने लोकसभा में धन्यवाद ज्ञापन करने के बाद राज्यसभा में भी धन्यवाद प्रस्ताव दिया. राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए न सिर्फ अपनी सरकार की उपलब्धियों की गिनाया, बल्कि कांग्रेस पर करारा प्रहार भी किया. कांग्रेस मुक्त भारत को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह गांधी जी का विचार था. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर कई योजनाओं को लंबित रखने का आरोप भी लगाया. लाइव भाषण में उन्होंने कहा कि हमारे देश में आरोग्य के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है. हमें हेल्थ सेक्टर में बहुत कुछ करने की जरूरत है. हम देश के लिए आयुष योजना लेकर आए.

रोग से लड़ाई में राजनीति नहीं होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना किसी दल के लिए नहीं देश के लिए है और अगर कांग्रेस को लगता है कि इसमें कुछ कमी है तो वो सामने आए, मैं खुद समय दूंगा. उन्होंने कहा कि रोग से लड़ने में राजनीति नहीं होनी चाहिए. देश के लिए आयुष योजना लेकर आए. उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप से कुछ नहीं होने वाला है.

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का 50-55 साल तक सत्ता में रहने पर ज़मीन से कट जाना बड़ा स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि हम सुझावों, फीडबैक और इनपुट के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. क्योंकि हम सभी इस देश के लिए और गरीब लोगों के लिए ही काम करते हैं.

कांग्रेस मुक्त भारत का विचार हमारा नहीं गांधी जी का विचार 
कांग्रेस पर हमला बोलेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपको इमरजेंसी वाला भारत चाहिए, मगर हमें गांधी वाला भारत चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे भी गांधी जी वाला ही भारत चाहिए क्योंकि गांधी जी ने कहा था कि आजादी मिल गई है, अब कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए. कांग्रेस मुक्त भारत का विचार हमारा नहीं गांधी जी का विचार था. हम तो बस उनके पद चिह्नों पर चलने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी की बुराई करते करते आप भारत की बुराई करने लग जाते हैं. मोदी पर हमला बोलते बोलते आप हिंदुस्तान पर हमला बोलने लग जाते हैं.

आपको इमरजेंसी वाला भारत चाहिए, हमें गांधी वाला भारत चाहिए
उन्होंने कहा कि आपको (कांग्रेस) वो भारत चाहिए जहां हजारों लोगों की मौत के जिम्मेदार को जहाज में बिठा कर विदेश ले जाया जाए?, आपको (कांग्रेस) वो भारत चाहिए जहां बड़ा पेड़ गिरने के बाद हज़ारों सिखों का कत्ले आम हो जाए. आपको लाखों को जेल में बंद करने वाला भारत चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि आपको न्यू इंडिया वाला भारत नहीं घोटाला वाला भारत चाहिए. आपको बोफोर्स घोटाला वाला भारत चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनीति में आलोचना होनी चाहिए. देश की कीमत पर राजनीति नहीं हो. पीएम मोदी ने दोवास का जिक्र करते हुए भी कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दावोस में आप भी गये थे, हम भी गये थे.

राज्यसभा में लगे ठहाके
पीएम मोदी के भाषण के दौरान जब रेणुका चौधरी हंसने लगी तो सभापति ने उन्होंने रोकने की कोशिश की. उसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि सभापति जी मेरी आपसे विनती है कि रेणुका जी को कुछ मत कहिए. रामायण सीरिलय के बाद ऐसी हंसी सुनने का सौभाग्य आज जाकर मिला है.

हम नेम चेंजर नहीं, गेम चेंजर
पीएम मोदी ने कहा कि हम नेम चेंजर नहीं बल्कि एम चेंजर हैं. यानी हम लक्ष्यों का पीछा करने वाले हैं. मैं तो देश के विकास के लिए हर सरकार के योगदान का सम्मान करता हूं. उन्होने कहा कि गुजरात चुनाव में कांग्रेस ने सरदार पटेल का नाम लिया, इस देखकर काफी खुशी मिली.

कांग्रेस ने देश को धोखे में रखा
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 28 साल तक बेनामी संपत्ति कानून को लागू नहीं किया, इसको किसने रोका कांग्रेस बता दे. अब तक इस कानून से 3,500 करोड़ से ज़्यादा की बेनामी संपत्ति जब्त हुई है, अब आपके राज में इतनी बेनामी संपत्ति बनी इसका भी क्रेडिट आपको जाना चाहिए. जीएसटी को लेकर दुष्प्रचार पूरा देश देख रहा है. वन रैंक वन पेंशन पर कांग्रेस ने देश को 4 दशक तक धोखे में रखा.

एक देश एक चुनाव की वकालत
पीएम मोदी ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव होने चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि देश में एक साथ चुनाव कराने पर संसद के दोनों सदनों के महानुभवों को बड़ा अवसर मिला है. बार-बार चुनाव होने से बाधा आती है.पीएम मोदी ने कहा कि मेरी सरकार के समय में ऐसे-ऐसे प्रोजेक्ट सामने आए हैं, जिन पर 30-40 साल से काम नहीं हुए. पीएम मोदी ने कहा कि हमको रेलवे की योजनाएं बंद करनी पड़ी क्योंकि पिछली सरकारों की 1500 से ज्यादा परियोजनाएं घोषित कर दी जिनको बाद में कोई देखने वाला नहीं था. 30 साल – 40 साल पुराने 9 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट हमने शुरू किये हैं.

आधार को लेकर कांग्रेस पर हमला
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा कहती है कि आधार हम लेकर आए. मगर मैं उन्हें 1998 में राज्यसभा में एलके आडवाणी जी के डीबेट को याद दिलाना चाहुंगा कि उसमें आडवाणी जी ने क्या कहा था. यह वही भाषण था, जिसमें आप आधार की उत्तपत्ति खोज सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमने ऐसा वर्क कल्चर बनाया है जिस से ये सुनिश्चित हो सके कि पैसा जिस काम के लिए निकला था, उसी पर ही इस्तेमाल हो.

तीन तलाक पर कांग्रेस पर हमला
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का मजाक उड़ाया जा रहा है, जनधन योजना का मजाक उड़ाया जा रहा है. ओबीसी कमीशन पर भी पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जनता जनार्दन को फेस करने की हिम्मत नहीं है. तीन तलाक पर भी पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला कि तीस साल तक आपके हाथ में ये मुद्दा था, फिर भी आपने राजनीति के चक्कर में इस बिल को फंसाए रखा.उन्होंने कहा कि अगर आप तीन तलाक पर अपने तरीकों का कानून चाहते थे तो 30 साल आप की सरकार थी, तब क्यों नहीं बनाया.

अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए दुष्‍यंत कुमार की दो पंक्‍ति सुनाई…

‘उनकी अपील है कि उन्हें हम मदद करें
चाकू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिये’ 

उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं. कांग्रेस सरकार डैम बनाई लेकिन नहरों को जाल नहीं बिछा पाई. हमारी सरकार ने 9 लाख करोड़ के पुराने प्रोजेक्‍ट शुरू करवाए. कांग्रेस पर हमला बोलेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सुल्तानी तो चली गई, मगर अभी भी सुल्तान की तरह व्यवहार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को सस्ती दवाई मिले इसके लिए जन औषधि केंद्र स्थापित किए और 800 से ज्यादा दवाइयों के दाम कम किए. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से पन्ना के आम लोगों को सस्ती और अच्छी गुणवत्ता वाली दवाइयां मिल रही हैं.

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बलिया में पहली ‘ऐशप्रा’ लगा रहा हीरे के आभूषणों की प्रदर्शनी, बम्पर आफर का उठायें लाभ

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बलिया। अगर आप हीरे के आभूषणों के शौकीन हैं तो आपके पास अच्छा मौका है। जी हाँ बलिया (Ballia) जिले में पहली बार 6 अगस्त से लेकर 10 अगस्त तक हीरे के आभूषणों की प्रदर्शनी लगने जा रही है। ऐशप्रा जेम्स एण्ड ज्वैलर्स  (Aisshpra Gems & Jewels) द्वारा इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।  पाँच दिन तक चलने वाली हीरे के आभूषणों की डायमंड “ज्वेलरी फ़ेस्ट” सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक आम दर्शकों के लिए खुली रहेगी। ग्राहकों को ऐशप्रा बम्पर आफर भी दे रहा है जिसका लाभ आम लोग उठा सकेंगे।

ऐश्प्रा के प्रोपराइटर राहुल सर्राफ (Rahul Sarraf) ने  मीडिया को बताया कि बलिया में आयोजित होने वाली आभूषणों की ये अबतक की सबसे बड़ी प्रदर्शनी होने जा रही है। प्रदर्शनी में डायमंड के नेकपिस, ब्रेसलेट, झुमके, पेंडेंट, पोल्की, सोने और कुंदन से लेकर अनूठा संग्रह आदि प्रदर्शित किया जाएगा। राहुल सराफ (Rahul Sarraf) ने बताया कि इन आफर्स में गोल्ड और कुंदन की ज्वेलरी के मेकिंग चार्जेज पर 20 प्रतिशत की छूट, आभूषण में लगे डायमंड के कुल मूल्य पर 20 फीसदी छूट और ग्राहकों द्वारा खरीदे गये सोने के वजन के बराबर चांदी मुफ्त दी जाएगी। साथ ही इस प्रदर्शनी में खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया भी चलेगी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब बलिया में इतने बडे पैमाने पर हीरों, रत्नों एवं आभूषणों को तवज्जो देने के लिए किसी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।

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बलिया के यात्रियों से भरी बस ऋषिकेश में पलटी, 1 की मौत, 67 घायल, सांसद ने DM से की बात

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बलिया। उतराखंड में गुरुवार को यात्रियों से भरी डबल डेकर बस ब्रेक फेल होने के कारण पलट गई। हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि बस में सवार यात्री घायल हो गए. बस में सवार सभी यात्री बलिया के निवासी हैं। यात्रियों को ऋषिकेश नीलकंठ घूमने के बाद जम्मू कश्मीर के माता वैष्णो देवी के मंदिर जाना था।

घायल सभी यात्रियों को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। इस घटना की सूचना मिलते ही बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने दोनों जिलों के डीएम से तत्काल बात की और घायल यात्रियों को हर संभव मदद करने को कहा। सांसद ने बलिया खबर से बताया की मैंने बलिया और ऋषिकेश के डीएम से बात की है उन्होंने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। बता दें कि गुरुवार की शाम 5:30 बजे हरिद्वार से ऋषिकेश लक्ष्मण झूला पहुंची यात्रियों से भरी बस (UP 54T 8131) थाना मुनिकीरेती क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी तिराहे पर पलट गई. बस में 65 यात्री सवार थे।

बलिया निवासी घायल प्रकाश चंद मेहता ने बताया कि बस थाना मुनिकीरेती क्षेत्र के भद्रकाली से मुनी की रेती की ओर आ रही थी।  तभी अचानक पीडब्ल्यूडी चौराहे पर बस के ब्रेक फेल होने के कारण पलट गई। ऋषिकेश नीलकंठ घूमने के बाद जम्मू कश्मीर के माता वैष्णो देवी के मंदिर जाना था।  वहीं, दर्दनाक हादसे में एक 50 साल की महिला इंदू पत्नी भरत की मौके पर ही मौत हो गई। गंभीर घायल तीन लोगों को एम्स में उपचार के लिए रेफर किया गया है, जबकि बाकी सभी लोगों का उपचार राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में जारी है।

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पढ़ें असिस्टेंट प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय का लेख- ‘अज़ान बनाम हनुमान चालीसा’

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डॉ.अखिलेश कुमार पाण्डेय

भारतीय समाज एक धर्म प्रधान समाज है जहां पर कई धर्मों के लोग रहते हैं।सामान्यत:परंपरानुमोदित अवसरों पर संपन्न किए जाने वाले संस्कृति सम्मत व्यवहारों के पुंज को अनुष्ठान या कर्मकांड कहते हैं।अनुष्ठानकिसी समूह अथवा व्यक्ति के किहीं मूल्यों की वाह्य अभिव्यक्ति होते हैं।धर्म सामाजिक जीवन का प्रमुखक्षेत्र हैं जिसमें अनेक अवसरों पर धार्मिक कृत्य और अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं और अनुष्ठान संपन्नता मेंकहीं ना कहीं आए दिन धार्मिक उन्माद, पथराव,सामूहिक हत्या, आदि घटनाएं अखबारों की सुर्खियां बनतीहै।

इस समय की प्रमुख सुर्खियां “अजान बनाम हनुमान चालीसा” लगातार कौतुहल का विषय बनता जा रहाहै।इस्लाम अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है “शांति में प्रवेश करना” हजरत मोहम्मद का जन्म 570ई॰ मे मक्के मे हुआ था(मृत्य 632 ई॰) ।अजान का अर्थ खुदा को पुकारने या फरियाद करने का संकेत है। अजान इस बात की जानकारी देता है बल्कि यह भी संकेत देता है कि अपनी मौजूदगी दर्ज करवाएं कि नमाज का समय हो गया। इस प्रकार हम कह सकते हैं अजान साधन है और नमाज साध्य है। अज़ान के इतिहास को देखा जाए तो इसकी शुरुआत मक्का में “बिलाल ” के द्वारा शुरुआत की गई।

प्रारंभ में नमाजव्यक्तिगत रूप से की जाती थी लेकिन कालांतर में अजान के साथ नमाज की सामूहिकता की शुरुआत हुई और धर्मावलंबियों का मानना था कि सामूहिकता में नमाज अदा करना ज्यादा प्रभावी होगा। भारत में ही नहीं इस्लाम धर्म को मानने वाले सभी देशों में सामूहिक अजान और नमाज की शुरुआत हुई।हनुमान चालीस एक धार्मिक पाठ है।इसको पढ़ने से व्यक्ति को मन और आत्मा को शांतिप्राप्ति होती है। हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं। हनुमान चालीसा समझने के पहलेहमें हनुमान जी को समझना पड़ेगा। हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार भगवान शिव जी के 11वें रुद्रावतार,भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त एवं कलयुग के सबसे ज्यादा हिंदुओं के दिलों में बसने वाले हनुमान परमेश्वरकी भक्ति की सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण पात्रों मेंएक हैं भगवान शिव जी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं।

रामायण केअनुसार वे श्रीराम के अत्यधिक प्रिय हैं इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्तहै।उनमें बजरंगबली भी है।हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिए हुआ। हनुमान जी कीपराक्रम की असंख्य गाथाऐं प्रचलित है।इसलिए उन्होंने जिस तरह से राम के साथ सुग्रीव की मैत्री कराईऔर वानरों की मदद से असुरों का मर्दन किया। वह अत्यंत प्रसिद्ध है। हनुमान जी शक्ति,ज्ञान,भक्ति एवंविजय के भगवान,बुराई के सर्वोच्च विध्वंसक, भक्तों के रक्षक, कलयुग के सबसे महत्वपूर्ण देवता है। लेकिनहनुमान चालीसा का पाठ भारतीय समाज में इस्लाम के आगमन के पहले से हो रहा है अगर देखा जाए तोभारतीय समाज में इस्लाम के बाद की स्थितियों की विवेचना एक विवादित विषय रहा है इस्लाम के पक्षकारतथा सम्यक दृष्टि से विवेचना करने वालों के बीच सदैव मतभेद रहा।

हिन्दुओं का देखा-देखी मुसलमान जनता भी गाजी मिया,पाॅचपीर,ख्वाजा आदि कल्पित देवताओं की पूजा करनेलगी।मुसलमानों के पीर अधिकांश ग्राम देवता बन बैठे।दशहरा एवं रथयात्रा की तर्ज पर मोहर्रम में ताजियानिकालने लगे। ताजियों का रिवाज भारत को छोड़कर और किसी देश में नहीं है।मुगल काल आते-आते शबेबरात का पर्व सारे भारत के मुसलमानों में मनाया जाने लगा। यह शायद शिवरात्रि का अनुकरण था। क्योंकि शिवरात्रि उस समय बड़ी धूमधाम से बनाई जाती थी।सौभाग्यवती मुस्लिम स्त्रियों की मांग में सिंदूर लगानेतथा नाक में नथ एवं हाथ में चूडिय़ां पहनने लगी ,अरब के लोग पानी की कमी के कारण स्नान कम करतेथे।कालांतर में मुसलमानों ने कम स्नान नहाना अपना धर्म बना लिया ।

किंतु भारत में स्नान के आनन्द सेमुसलमान अपने को वंचित नहीं किया ।भारत की परंपरागत विद्या, ग्रह,नक्षत्र आदि की महिमा भीमुसलमानों के बीच कायम हुई हुमायूं और अकबर हर रोज पोशाक उस रंग की पहनते थे।जो जिस दिन केस्वामीग्रह का रंग होता है ।इस प्रकार हम कह सकते हैं कि धार्मिक विचारधारा के अनुसार सभी धर्मों कोअपना अनुष्ठान या कर्मकांड (उपासना पद्धति) को करने की स्वातंत्र्ता है।और जिसके द्वारा ही समाज केसांस्कृतिक मूल्यों और प्रतिमानों का अनुरक्षण किया जा सकता है इस सन्दर्भ में बैरिया( बलिया ) केसमाजशास्त्री डाँ॰ अखिलेश कुमार पाण्डेय(असिस्टेंट प्रोफेसर,समाजशास्त्र विभाग, श्री सुदृष्टि बाबा पीजीकॉलेज सुदिष्टपुरी,रानीगंज बलिया) ने कहा है कि

“वर्तमान समय में ध्वनि विस्तारक के अनुप्रयोग की परंपराने समाज में कटुता का संचार किया है जो हिंदू और मुस्लिम धर्म के लोगों के बीच विषाक्त बनता जा रहाहै।हिंदू और मुस्लिम धर्मावलंबियों ,राजनेताओं को अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में गहराई से  समझना होगा । धर्म और राजनीति दोनों अलग-अलग विषय है। राजनेताओं को गरीबी उन्मूलन और मुद्रास्फीति को कम करने, अमीरी और गरीबी की खाई को कम करने ,सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य,रोजगार के बारे में बात करनी चाहिए।

धर्म की देखभाल पुजारियों और आध्यात्मिक लोगों द्वारा की जा सकती है। कुछ लोग धार्मिक या अन्य मुद्दों को उठाकर समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। गुणात्मक (अर्थपूर्ण) शिक्षा के अभाव के कारण लोग भ्रष्ट,राजनेताओं के जाल में फंस जाते हैं सार्थक और प्रासंगिक शिक्षा ही लोगों को गुमराह होने से बचा सकती है तभी समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकता है”

लेखक श्री सुदृष्टि बाबा पीजी कॉलेज रानीगंज, बलिया में समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं

(डिस्क्लेमर-लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं . ईटी का इससे सहमत होना जरूरी नहीं है.)

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