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बलिया: बैरिया से सेना के पूर्व अफसर को मैदान में उतार सकती है जदयू, BJP से हो सकता है गठबंधन!

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी राजनीतिक दल समीकरण साधने में लग गए हैं। बलिया में भी सियासी सरगर्मीयां बढ़ने लगी हैं। बिहार की सत्तरूढ़ पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने भी उत्तर प्रदेश चुनाव में उतरने का मन बना लिया है। चर्चा है कि जदयू बिहार की ही तरह उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। जदयू बलिया के बैरिया विधानसभा सीट से मेजर रमेश चंद्र उपाध्याय को अपना प्रत्याशी घोषित करने का मन बना चुकी है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष अनुप पटेल ने बैरिया से मेजर रमेश चंद्र उपाध्याय को चुनावी मैदान में उतारने को लेकर संकेत दे चुके हैं। हालांकि अब तक इसे लेकर औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि अगर उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा और जदयू एक साथ आते हैं और बैरिया की सीट जदयू के खाते में आती है तो मेजर रमेश उपाध्याय ही चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि बलिया जिले के बैरिया विधानसभा सीट से भाजपा के सुरेंद्र सिंह विधायक हैं। सुरेंद्र सिंह अक्सर अपने विवादित और उटपटांग बयानों के चलते सुर्खियों में रहते हैं।
कौन हैं रमेश चंद्र उपाध्याय? मेजर रमेश चंद्र उपाध्याय सेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं। बीते साल 2020 में रमेश चंद्र उपाध्याय जदयू में शामिल हुए थे। 2019 लोकसभा चुनाव में रमेश चंद्र उपाध्याय ने बलिया से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले 2012 में भी रमेश चंद्र उपाध्याय हिंदू महासभा की टिकट पर बैरिया सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।






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बलिया में मृत महिला की भूमि रजिस्ट्री मामले में 5 नामजद और 1 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

बलिया के बांसडीह तहसील में मृत महिला की भूमि रजिस्ट्री के मामले में पांच नामजद और एक अज्ञात पर मुकदमा दर्ज हुआ है। मामला 40 साल पुराना है।
बता दें कि कोतवाली क्षेत्र के किसुनीपुर निवासी तिलेश्वरी देवी पत्नी शिवनंदन लाल की मौत 1984 में हो गई थी। उनकी एक पुत्री है। तिलेश्वरी देवी की मौत के बाद उनके वारिस के द्वारी उनकी भूमि की खतौनी पर अपना नाम दर्ज नहीं कराया गया।बीत नवंबर माह में भूमाफियाओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर मृत तिलेश्वरी देवी के स्थान पर एक महिला को खड़ा करके सुल्तानपुर चक्की दीयर स्थित 16 बीघे से ज्यादा रकबा की जमीन की रजिस्ट्री कुछ लोगों को करवा दी। इसके बाद कस्बा स्थित एक बैंक से तीन लाख का लोन भी ले लिया।
इस मामले में मृत महिला के नाती गिरीशचंद्र श्रीवास्तव ने शिकायत की है। मृतका के लड़की का पुत्र गिरीशचंद्र श्रीवास्तव तहसील और बैंक से सभी दस्तावेज निकलवाने के बाद पांच नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ शिकायत की है। थाना प्रभारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही हैं। मामला प्रकाश में आने पर अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मची है। वहीं दूसरी तरफ फर्जी जमीन रजिस्ट्री कराने की जानकारी होने पर जमीन खरीदने वालों के होश उड़ गए। उन्होंने रजिस्ट्री कैंसल करवाने का आवेदन न्यायालय में दिया हैं।
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बलिया में पेयजल संकट ! आर्सेनिक युक्त पानी पीने को मजबूर लोग, लगातार गिर रहा भू-जल का स्तर

बलिया के लोगों को शुद्ध और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का सरकारी दावा विफल साबित हुआ है। 310 गांवों के भू-जल में मानक से अधिक आर्सेनिक होने की पुष्टि के सालों बाद भी लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा। जल निगम 40 योजनाओं पर कार्य कर रहा है। लेकिन पिछले 2 सालों में मात्र संवरूपुर और मिर्ची खुर्द में प्रोजेक्ट से आपूर्ति हुई, लगभग 6 हजार की आबादी को शुद्ध पेयजल मिला। शेष का कहीं अता-पता नहीं।
इतना ही नहीं जिले में भू-जल का स्तर भी लगातार खिसकता जा रहा है। रसड़ा ब्लॉक में भूगर्भ जलस्तर प्रतिवर्ष 20 से 30 सेमी जबकि अन्य 16 ब्लॉकों में भी एक से 8 से 10 सेमी कम हो रहा है। हालांकि विभाग का दावा है कि पिछले कुछ सालों में खेत तालाब समेत अन्य योजनाओं से रसड़ा में स्थिति में सुधार हुआ। लघु सिंचाई विभाग के अभियंता श्याम सुंदर के मुताबिक तमाम कोशिश से रसड़ा में भी वाटर लेवल 6 मीटर हो गया है।
वहीं अमरनाथ मिश्र पीजी कालेज दूबेछपरा के पूर्व प्राचार्य पर्यावरणविद् डॉ. गणेश पाठक का कहना है कि भू-गर्भ जल बचाने के लिए सरकार के साथ सभी को अपने स्तर से प्रयास करना चाहिए। पिछले 2 सालों में जल संरक्षण के लिए कुल 34 तालाबों का निर्माण हुआ। भूगर्म विभाग की ओर से रसड़ा क्षेत्र में दो बड़े जलागम क्षेत्र (वाटरशेड ) बनाने की संस्तुति हुई। पानी की बर्बादी रोकना चाहिए।
विश्व जल दिवस की सार्थकता तभी है जब बूंद-बूंद का संरक्षण हो। उद्योग धंधों के अतिशय दोहन, घर-घर टुल्लू लग जाने से, बढ़ते जल पंप के से खपत ही नहीं बढ़ी बल्कि पानी की बर्बादी भी हो रही है। जागरूकता और तमाम कार्यक्रमों के बावजूद जल की बर्बादी पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा। अनावश्यक जल का अपव्यय रोकना होगा।
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ईयरफोन लगाकर ट्रैक पर टहल रहा था बलिया का युवक, ट्रेन की चपेट में आने से मौत

बलिया। रायबरेली में हुए दर्दनाक हादसे में बलिया के युवक की मौत हो गई। वह ईयरफोन लगाकर रेलवे ट्रैक पर घूमने चला गया। अचानक ट्रेन आ गई और युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गई।
बता दें कि बलिया जिले के मुनि छपरा थाना रेवती निवासी राहुल मिश्रा (27) क्षेत्र में एक कार के शोरूम में सर्विस मैनेजर के पद पर तैनात था। गंगागंज रेलवे स्टेशन के नजदीक वह परिवार के साथ किराये पर कमरा लेकर रहता था।
सोमवार देर शाम ड्यूटी से घर लौटकर आया और करीब 7 बजे घर से निकलकर स्टेशन की ओर टहलने चला गया। इस दौरान ट्रैक पर अचानक ट्रेन आ गई लेकिन राहुल को उसकी आवाज सुनाई नहीं दी। राहुल ट्रेन की चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गया हादसे की। जानकारी होने पर परिजनों ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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