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रसड़ा विधायक का रिपोर्ट कार्ड, जनता से जानिए कैसा रहा कार्यकाल, पास रहे या फेल?

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रसड़ा डेस्क। लोकतंत्र का सबसे बड़ा महापर्व चुनाव है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में भी यह महापर्व आने वाला है। विधानसभा चुनाव 2022 के लिए तमाम राजनैतिक पार्टियां सक्रिय है। पार्टी प्रचार और अपनी जीत सुनिश्चित करने अलग अलग विधानसभा के विधायक मैदान में उतर चुके हैं। सभी का फोकस जनता पर है। कोई पार्टी का झंडा लिए जनता को रिझाने की कोशिश में है, तो कोई घोषणावीर बना हुआ है।

लेकिन अपना जनप्रतिनिधि चुनने से पहले यह जानना भी जरुरी है कि पिछले पांच सालों में आपकी विधानसभा में कितना काम हुआ? क्या क्षेत्रीय विधायक आपकी उम्मीदों पर खरा उतरे? यही सवालों के जवाब जानने के लिए बलिया ख़बर की टीम पहुंची अलग अलग विधानसभाओं में और जनता से जाना कि आखिर कैसा रहा विधायक का कार्यकाल, कितने हुए विकास कार्य। तो चलिए सबसे पहले शुरुआत करते हैं विधायक उमाशंकर सिह से।

बलिया के रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं उमाशंकर सिंह। 2012 में सपा के सनातन पांडेय को हराकर पहली बार विधायक बने। 2017 में जब पूरे देश में भाजपा की लहर चल रही थी, तभी भी उमाशंकर सिंह ने भाजपा के रामइकबाल सिंह को करारी शिकस्त देते हुए चुनाव जीता था।रसड़ा विधानसभा चुनाव परिणामरसड़ा विधानसभा चुनाव परिणाम

उमाशंकर सिंह ने बहुत कम समय में ही राजनीति में अपना कद बहुत बड़ा कर लिया और लोगों के दिलों में भी जगह बनाई। अपशब्दों की राजनीति से दूर उमाशंकर सिंह काम करने में विश्वास रखते हैं। गरीबों तक हर सुविधा पहुंचे इसका खास ख्याल रखते हैं। रसड़ा के सौरभ सिंह ने बताया कि “आज बलिया जिला उमाशंकर सिंह द्वारा किए जा रहे तमाम नेक कार्यों का गवाह बन चुका है। कमजोर परिवार की बेटियों का घर बसाना हो, किसी जरूरतमंद की आर्थिक सहायता करनी हो, किसी गरीब बीमार का इलाज कराना हो या प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने वाले पीड़ित परिवारों को सहारा देना हो, ऐसी किसी भी स्थिति में सरकारी मदद की उम्मीद किए बिना उमाशंकर सिंह मदद के लिए आगे आ जाते हैं।”

यह भी पढ़ें: विधानसभा’वार 2012: उमाशंकर सिंह के जीत की कहानी; केरोसिन से करोड़ों का सफर! 

वहीं इलाके के एक और व्यक्ति रमेश कुमार ने बताया कि “उमाशंकर सिंह के पिछले पांच सालों के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो कई विकास कार्य क्षेत्र में हुए। चाहें पक्की सड़कें बनवाने की बात हो या कोरोनाकाल में अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था करने की। उमाशंकर सिंह ने हर मोर्चे पर अच्छे से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। समाज को लेकर उमाशंकर सिंह हमेशा सक्रिय रहते हैं। धर्म के आधार पर भेदभाव किए बिना उमाशंकर सिंह सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं।”

हमारी टीम ने कुछ महिलाओं से भी बातचीत की। रसड़ा निवासी महिला कमलवाती देवी ने बताया कि “उमाशंकर सिंह ने अपने विधायकी के दौर में गरीबों के लिए बेहद अच्छे काम किए। किसी गरीब बिटियां की शादी कराने की बात हो तो उमाशंकर सिंह सबसे पहले मदद करते हैं। उन्होंने क्षेत्र में कई सामूहिक सम्मेलन आयोजित कर हजारों गरीब लड़के-लड़कियों की शादी करवाई।”

हमारी टीम की मुलाकात इलाके के ही मनोज (बदल हुआ नाम) से हुई, मनोज विधायक के बारे में बताते हुए रो पड़ते हैं। मनोज ने कहा कि “गरीबों के मसीहा है उमाशंकर सिंह, गरीब को समय पर इलाज दिलवाया, उनके आर्थिक, सामाजिक सुधार पर ध्यान दिया। जब भी क्षेत्र में किसी तरह की कोई अनुचित घटना होती है तो उमाशंकर सिंह बिना देरी किए परिवार को हिम्मत देने उनके घर पहुंच जाते है। ऐसी स्थिति में वह पीड़ित के घर के बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी तक उठाने का वादा कर देते हैं।” 

उमाशंकर सिंह ने विधायक के रुप में अपने कार्यकाल के दौरान कई विकासकार्य किए। जिसका नतीजा यह रहा कि जनता ने उन्हें दो बार विधायक बनाया। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस बार के चुनाव में उमाशंकर सिंह को फिर विजय बनाएगी और विधायक की कुर्सी पर बैठाएंगे।

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सलेमपुर लोकसभा: बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

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लोकसभा चुनाव चुनाव के लिए रवींद्र कुशवाहा को इस बार भी बीजेपी ने सलेमपुर सीट से टिकट दिया है. सपा ने यहां रमांशकर राजभर को मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट की लड़ाई दिलचस्प तब हो गई जब मायावती की बसपा ने भीम राजभर को ताल ठोकने भेज दिया.

सलेमपुर लोकसभा सीट पर क्या है समीकरण? बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी का कितना असर है? बसपा की ओर से भीम राजभर को टिकट दिए जाने के बाद क्या सपा के लिए ये लड़ाई मुश्किल हो गई है? और क्या बसपा ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया है?

बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

मायावती ने बसपा के पूर्व यूपी अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से टिकट दिया था. लेकिन फिर उनकी सीट बदल दी गई. अब भीम राजभर को सलेमपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है. सपा ने यहां से रमाशंकर राजभर को टिकट दिया है. ऐसे में ज़ाहिर है कि सपा की ओर जा सकने वाला राजभर वोट भीम राजभर की एंट्री से बंट जाएगा.

ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा और बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में आजमगढ़ में बसपा का राजभर उम्मीदवार इस वर्ग के वोट के बंटवारे की वजह बनता. ऐसे में चर्चा है कि मायावती ने आजमगढ़ से अपने राजभर प्रत्याशी को कहीं और शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया. ऐसे में सलेमपुर सीट सबसे मुफीद साबित हुई क्योंकि यहां सपा के उम्मीदवार रमाशंकर राजभर इसी समाज से आते हैं.

बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ गुस्सा!

2014 में बीजेपी पहली बार सलेमपुर सीट से चुनाव जीत पाई थी. तब पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र कुशवाहा थे. कुशवाहा को पार्टी ने फिर 2019 में जीत दोहराने की उम्मीद से मैदान में उतारा और उन्होंने प्रदर्शन दोहरा भी दिया. अब 2024 में पार्टी ने इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए अपने सीटिंग सांसद को मौका दिया है. लेकिन इस बार पेंच फंस गया है. क्षेत्र की जनता में रवींद्र कुशवाहा के खिलाफ नाराज़गी है. आरोप लगता है कि कुशवाहा कभी अपने क्षेत्र की जनता का हाल जानने नहीं पहुंचते हैं. कोविड जैसे क्रूर दौर में भी उन्होंने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. पिछले महीने ही बलिया के गांव भीमपु में सांसद रवींद्र कुशवाहा जनता-जनार्दन का हाल जानने पहुंचे. लेकिन हाथों में पोस्टर लिए गांव के लोगों ने गाड़ी रोक दी. और नारेबाज़ी की, “योगी-मोदी से बैर नहीं, रवींद्र तुम्हारी ख़ैर नहीं!”

सलेमपुर सीट का मूड:

सलेमपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें देवरिया जिले की दो- भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीटें हैं. जबकि बलिया में पड़ती हैं 3 विधानसभा सीटें- बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सलेमपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से बीजेपी की विजयलक्ष्मी गौतम, भाटपार रानी से बीजेपी के सभा कुंवर कुशवाहा और बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर बीजेपी की केतकी सिंह, बेल्थरा रोड (सुरक्षित) सीट से सुभासपा के हंसूराम और सिकंदरपुर से सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने. विधानसभावार तरीके से देखें तो तीन सीटें बीजेपी के पास, एक उसकी साथी पार्टी के पास और एक सपा के पास है.

करीब 17 लाख वोटर्स वाले सलेमपुर सीट की जातिगत समीकरणों की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी जाति (कुशवाहा) के मतदाताओं की संख्या अधिक है. करीब 15 फीसदी ब्राह्मण, 18 फीसदी कुर्मी, मौर्य, कुशवाहा, 14 फीसदी राजभर, 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 4 फीसदी क्षत्रिय, 13 फीसदी अल्पसंख्यक जाति के मतदाता है. जबकि लगभग 4 फीसदी वैश्य, 2 फीसदी यादव, 2 फीसदी कायस्थ, 2 फीसदी सैंथवार और 4 फीसदी निषाद और बाकी अन्य जाति के वोटर्स हैं.

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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