बलिया
वीरों की धरती, जवानों का देश, पढ़िए बलिदानी बलिया की कहानी
बागी बलिया को यू ही बागी नही कहा जाता यहाँ के लोगो ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और भारत की आज़ादी से 5 वर्ष पूर्व 19 अगस्त 1942 को बलिया को आज़ाद करा लिया । सिर्फ इतना ही नही बलिया को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर यहाँ एक समानांतर सरकार भी बनाई जिसका नाम रखा गया “स्वतंत्र बलिया प्रजातंत्र”। यह सरकार ज्यादा दिन नही चल सकी सितम्बर में ब्रिटिश सरकार ने दोबारा कब्जा कर लिया।
19 अगस्त 1942 का दिन बलिया के इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण है, सभी वर्गों में आक्रोश की ज्वाला जल रही थी, प्रशासन को आभास हो गया था कि कभी भी सरकारी खजाना लूटा जा सकता है, इसलिए सभी नोटो के नम्बर नोट कराकर डिप्टी कलेक्टर जगदम्बा प्रसाद की देख रेख में नोटो को जलवा दिया गया। चित्तू पाण्डेय समेत अन्य क्रांतिकारियों को जेल से छुड़ाने के लिए कोने कोने से जन सैलाब उमड़ने लगा, लगभग 10 हजार की भीड़ कारागार के बाहर जमा हो गई लोगो के हाथ मे लाठी, भाला, बल्लम, गड़ासा, बर्छी, रम्मा, टांगी, ईट- पत्थर और बरतनों में बिच्छु,हड्डा, चींटा था। उमड़ती भीड़ को देखकर कप्तान और कलेक्टर ने नरम रुख अपनाने का फैसला लिया,उन्होंने चित्तू पाण्डेय से निवेदन किया कि अब जेल से बाहर चलिए और स्थिति को संभालिये।
बच्चों पर घोड़ा दौड़ाने वाले थानेदार अशफाक, बलिया शहर में गोली चलवाने वाले कलेक्टर मु. औबेस तथा बैरिया में खून की होली खेलने वाले थानेदार काजिम हुसैन की खोज में आई ये भीड़ गर्मजोशी से इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगा रही थी। खबर थी कि ये तीनो यहाँ छुपे हुए है।भीड़ के दबाव का असर ऐसा हुआ कि कलेक्टर और पुलिस कप्तान ने दूसरी बार श्री चित्तू पाण्डेय और अन्य अगुवा नेताओ से बात कर के जेल का फाटक खुलवा दिया।कलेक्टर ने चित्तू पांडेय और जगन्नाथ सिंह सहित 150 सत्याग्रहियों को रिहा कर दिया.
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जवाहर लाल नेहरू ने जेल से छूटने के बाद कहा था कि ‘मैं पहले बलिया की स्वाधीन धरती पर जाऊंगा और चित्तू पांडे से मिलूंगा.’
चित्तू पाण्डेय के नेतृत्व में 19 अगस्त 1942 शाम 6 बजे कलेक्ट्रेट समेत सभी सरकारी कार्यालय पर तिरंगा फहराकर बलिया को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया। प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को बलिया बलिदान दिवस मनाया जाता है और प्रतीक स्वरूप जेल का फाटक खोल दिया जाता है।
जगदीश ओझा सुंदर की कालजयी रचना
पूछो उन अमर शहीदों की अगणित विधवाओं से पूछो
उन मदन सरीखे शिशुओं की व्यथिता माताओं से पूछो
बलि एक यहाँ के दानी थे, अब तो अगणित बलिदानी हैं
भारत छोड़ो के नारे की, बलिया इक अमिट निशानी है।
जर्जर तन बूढ़े भारत की, यह मस्ती भरी जवानी है।।
जालिम की जुल्मों जिनने प्रतिकार किया है सीनों से
पूछो उनसे यह लाल कथा, जो खेल चुके संगीनो से
अब भी बलिया के युवकों में बयालीस का खून उबलता है
नर नारी क्या इस नगरी के, कण कण में शोणित जलता है
यह अमर शहीदों की बस्ती, इक खेल यहाँ कुर्बानी है
भारत छोड़ो के नारे की,बलिया इक अमिट निशानी है।
भृगुधाम नही ऋषिधाम नही, अब तो बलिया बलिधाम हुआ
राष्ट्रीय तीर्थ रसड़ा अब है, बैरिया वीरता ग्राम हुआ
अब बाँसडीह बलिदान-डीह स्वतंत्र सदन अभिराम हुआ
है धन्य-धन्य यह धराधाम, बयालीस में जिसका नाम हुआ
जिसके बूढ़ों की भी रग में युवकों सा जोश जवानी है
भारत छोड़ो के नारे की,बलिया इक अमिट निशानी है।
घर घर है अपने अंतर में बर्बरता का उपहास लिए
कण कण गर्व आलोकित है, कुर्बानी का इतिहास लिए
ध्वन्सव्शर्श खंडहर भी है, निज नाशों पर उल्लास लिए
मानवता यहाँ मचलती है, निज भावी विमल विकास लिए
बर्बादी पे आँसू ढलना, समझा हमने नादानी है
भारत छोड़ो के नारे की,
बलिया इक अमिट निशानी है।
आ यहाँ अदब से रे राही, इसको कुछ सुंदर फूल चढ़ा
आदर से इसको शीश झुका, शिर पर आँखों पर धूल चढ़ा
पथ में इसके बलिदनो की रक्तिम कल कथा सुनता जा
जा झूम झूम आज़ादी के, पूर जोश तराने गाता जा
यह स्वतंत्रता की यज्ञ भूमि, यह वरदायिनी कल्याणी है
भारत छोड़ो के नारे की, बलिया एक अमिट निशानी है।
जर जर तन बूढ़े भारत की, यह मस्ती भारी जवानी है।।
अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले, बलिया को सबसे पहले आज़ाद होने की गौरव देने वाले सभी वीरो को नमन।
सभी देशवासियों को “बलिया बलिदान दिवस ” की हार्दिक शुभकामनाएं।
लेख पूजा वर्मा की कलम से।
बलिया
बलिया पहुंचे सनातन पांडेय, बीजेपी पर साधा जमकर निशाना
बलिया के चुनावी गलियारों में इन दिनों हलचलें तेज हैं। अलग अलग पार्टियों से चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में आज कांग्रेस भवन पर इंडिया गठबंधन के समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सनातन पांडेय पहुंचे। वे यहां संसदीय क्षेत्र 72 में प्रचार-प्रसार करने पहुंचे। जहां बड़ी संख्या में पहुंचे समर्थकों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि जितने भी विदेश भागने वाले हैं, घोटाला कर भागने वाले सभी गुजराती हैं, प्रधानमंत्री के चट्टे-बट्टे हैं। भागने वालों में ब्राम्हण, ठाकुर मुसलमान और यादव नहीं हैं।
बलिया में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सनातन पांडेय ने कहा कि इस देश के 15 लाख करोड़ रूपए इस देश के कुछ पूंजीपति लेकर देश के बाहर हो गये हैं। उन सबको सरकार बनने पर खींचकर लाया जायेगा। 15 लाख करोड़ रूपए से किसानों का कर्जा माफ किया जायेगा। बेरोज़गारों को 1 लाख रूपए बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा। सनातन पांडेय ने कहा कि समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन का एक-एक कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी में जुट गया है। जहां परिणाम बलिया ही नहीं उत्तर प्रदेश देखेगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीटों के सवाल पर सनातन पांडेय ने कहा कि यूपी के अंदर करंट चल रहा है कि प्रधानमंत्री अपनी सीट बचा लें तो यह बड़ी बात होगी। वहीं, कोरोना वैक्सीन पर कहा कि 500 करोड़ का चंदा देने वाली कंपनी का वैक्सीन देश को लगवाना तो बड़ी दलाली की श्रेणी में है। इस पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि आज हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज की बीमारी का कारण ही वैक्सीन है।
इस दौरान विधायक संग्राम सिंह यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष उमाशंकर पाठक, आप के जिलाध्यक्ष सुशांत राज भारत, सपा प्रवक्ता सुशील पांडेय कान्हजी सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे।
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बलिया की बेटी रिवा को कियारा आडवाणी से मिला अवार्ड
बलिया की बेटी ने एक बार फिर जिले का नाम रोशन किया है। जिले की रहने वाली दिवा गुप्ता को बॉलीवुड एक्ट्रेस कियारा आडवाणी ने अवार्ड से सम्मानित किया है। वहीं कैटरीना कैफ ने उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किया है।
बता दें कि बीते 28 अप्रैल को मुंबई के विले पार्ले स्थित सहारा होटल में आयोजित इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड में दिवा गुप्ता ने भाग लिया था। इस कार्यक्रम में दिवा के अलावा 50 अन्य महिलाएं भी शामिल हुई थी, लेकिन इनमें से रिवा गुप्ता ने सबको पछाड़ते हुए अवार्ड को अपने नाम कर लिया। रिवा की इस उपलब्धि पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
रिवा पिछले लंबे समय से इस क्षेत्र में बेहतर काम कर रही हैं। उनके काम को हमेशा सराहा जाता रहा है। आज उनकी मेहनत के दम पर उन्होंने ये अवार्ड हासिल किया है।
बलिया
बलिया में दर्दनाक हादसा, बाइक को बचाने के चक्कर में पुलिया से जा टकराई कार, चालक की मौत
बलिया में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं। ताजा मामला सामने आया है गड़वार थाना क्षेत्र के भैरव बांध के पास से, जहां एक कार पुलिया से टकरा गई। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। ये हादसा बाइक सवार को बचाने में हुआ। यहां एक कार बाइक को बचाने में पुलिया से टकरा गई। इससे कार चालक की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस हादसे के बाद मृतक के परिवारवालों का रो रो कर बुरा हाल है।
जानकारी के मुताबिक, मसहा थाना गड़वार के निवासी 36 वर्षीय प्रदीप कुमार मिश्र अपने गांव से कार से रतसर किसी काम से जा रहे थे। जैसे ही भैरव बांध रतसर-टड़वा मोड़ के पास पहुँचे कि अचानक बाइक सवार आ गया। जिसे बचाने में कर पुलिया से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार चालक की मौके पर ही मौत हो गई।
आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया और परिजनों को घटना की सूचना दी। मृतक कुशीनगर में एनएलटी कंपनी में मैनेजर के पद पर तैनात था। मृतक की शादी 25 मई 2022 को अनामिका मिश्रा के साथ हुई थी। इनके शरीर से पांच माह की एक बेटी है। इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। हर कोई इस हादसे से स्तब्ध है।
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