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बलिया के 12 निकायों में मतदान, अबतक इतने प्रतिशत पड़े वोट!

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बलिया के सभी 12 निकायों में मतदान शुरू हो गया है। जिला प्रशासन की देखरेख में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान चल रहा है। जिलाधिकारी ने मतादाताओं से अधिक से अधिक संख्या में बूथ पर पहुंचकर मतदान की अपील की। दो नगर पालिका परिषद व 10 नगर पंचायतों के 195 वार्डों के लिए 3,46,737 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

नगर पालिका परिषद बलिया तथा नगर पालिका परिषद रसड़ा के अलावा नगर पंचायत रेवती, बैरिया, सहतवार, बांसडीह, मनियर, सिकंदरपुर, बेल्थरारोड, चितबड़ागांव तथा नवगठित नगर पंचायत रतसर कला एवं नगरा के सभी बूथों पर चुनाव शांतिपूर्वक चल रहा है।

सभी मतदान केंद्रों पर पुलिस फोर्स लगी है। पीएसी बन लगा हुआ है और बीएसएफ की कंपनी भी देखरेख कर रही है। अति संवेदनशील बूथों पर पीएसी की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इस बार कुल 1884 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें 1692 कार्मिक मतदान कराएंगे। 192 कार्मिकों को रिजर्व में रखा गया है। इनमें 1413 पुरुष और 471 महिला कार्मिक शामिल है। प्रत्येक पोलिंग पार्टी में पीठासीन अधिकारी सहित चार मतदान कार्मिक रहेंगे। कुल 125 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

जिला निर्वाचन अधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि जनपद के सभी 12 निकायों में मतदान प्रारंभ हो गया है। चुनाव प्रक्रिया में कोई भी व्यवधान अथवा गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी गलतफहमी में ना रहे। चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराई जाएगी।

जनपद को 16 जोन और 32 सेक्टरों में बांटा है। डीएम ने सभी जोनों में एक-एक जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टरों में सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की है। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि जनपद में 11 मई को होने वाले चुनाव के दृष्टिगत मंगलवार की शाम 6 बजे से 11 मई की शाम 6 बजे तक यह सभी दुकानें बंद रहेंगी। इसी प्रकार 13 मई को होने वाली मतगणना को देखते हुए 12 मई की शाम 6 बजे से मतगणना समाप्ति के दिन रात्रि 12 बजे तक दुकानें बंद रहेंगी।

आज नगर पालिका परिषद बलिया के 25 वार्डों के कुल 32 मतदान केंद्रों के 131 मतदान स्थलों पर 108674 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिसमें 59807 पुरुष तथा 48867 महिला मतदाता शामिल हैं। नगर पालिका परिषद रसड़ा के 25 वार्डों के कुल 16 मतदान केंद्रों के 35 मतदान स्थलों पर 30386 मतदाता जिसमें 16161 पुरुष तथा 14225 महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

पंचायतों की बात करें तो नगर पंचायत मनियर के 19438 मतदाता, नगर पंचायत बांसडीह के 20733 मतदाता,नगर पंचायत चितबड़ागांव के 18929 मतदाता, नगर पंचायत रेवती के 23393 मतदाता,  नगर पंचायत के सिकंदरपुर के 23192 मतदाता, नगर पंचायत बेल्थरा रोड के 18514 मतदाता, नगर पंचायत सहतवार के 18911 मतदाता, नगर पंचायत बैरिया के 25970 मतदाता, नवगठित नगर पंचायत रतसर कला के 18879 मतदाता तथा नवगठित नगर पंचायत नगरा के 19718 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

9 बजे तक- 11.10 %

बलिया- 8.86
रसड़ा- 12.63
चितबडागांव- 10.86
नगरा- 7.16
बेल्थरा- 11.10
सिकंदरपुर- 11.14
मनियर- 14.14
बांसडीह- 8.48
सहतवार- 9.24
रेवती- 13.08
बैरिया- 12.90
रतसर कलां- 11.93

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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