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बलिया के अधिकारीयों ने बेसहारा बच्चों और बूढ़ों संग मनाया नया साल, दिए उपहार व जरूरी सामान

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बलिया डेस्क: जिलाधिकारी की पहल पर जिले के बालक-बालिका गृह में रहने वाले निराश्रित बालक-बालिकाओं का भी नया वर्ष बेहद शानदार तरीके से मन गया। जिलाधिकारी के साथ उनकी पत्नी पूनम शाही ने राजकीय बालिका गृह निधरिया, वृद्धाश्रम गड़वार, बालक गृह फेफना व चंद्रशेखरनगर में बच्चों को उपहार दिए और उन्हें ‘हैप्पी न्यू ईयर’ बोलकर नव वर्ष की खुशियां साझा की।

जिलाधिकारी राजकीय बालिका गृह पर कपड़े व अन्य उपहार देने के बाद वहां की व्यवस्था के बाबत उनसे बातचीत की और नव वर्ष की बधाई दी। बालिकाओं से गीत आदि के बारे में जिलाधिकारी ने पूछा तो एक बालिका ने मार्मिक गीत ‘कुहूकेला हरदम बेटा खातिर माई के करेजा’ गीत सुनाकर सबको भावुक कर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि विशेष रुचि लेकर इन बालिकाओं को उनकी रुचि वाले क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाए, ताकि लड़कियां आत्मनिर्भर बनने लायक हो जाएं।

 

सीडीओ के प्रयास से सबको नाप के हिसाब से मिले जूते-कपड़े

बच्चों को नए साल का तोहफा देने के लिए मुख्य विकास अधिकारी विपिन कुमार जैन ने पहले से ही ऐसी प्लानिंग कर दी थी कि सभी बच्चों को उनके नाप के हिसाब से जरूरी गिफ्ट मिल जाए। इसके लिए सीडीओ ने सभी बच्चों के माप व अन्य जरूरी सामान के सम्बंध में फीडबैक लेने के लिए केंद्रों पर अलग-अलग अधिकारियों को पहले ही भेज दिया था। उसके बाद उनके नाप के हिसाब से कपड़े व जूते मंगवाए और जिलाधिकारी व उनकी पत्नी के माध्यम से बच्चों में उसका वितरण करवाया।

बुजुर्गो को दिए च्यवनप्राश, शाल व फल, ठंढ के लिए हीटर भी

गड़वार में वृद्धाश्रम पर सपरिवार व सीडीओ, एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों के साथ पहुंचे डीएम श्री शाही ने सबसे पहले सभी वृद्धों का आशीर्वाद लिया। फिर उनके लिए एक पुत्र का रूप बनकर अधिकारियों ने च्यवनप्राश, शाल, फल व अन्य उपहार दिए। जिलाधिकारी की पत्नी पूनम शाही, उनके बच्चे व नायब तहसीलदार अंजू यादव ने भी वृद्धाओं को माल्यार्पण कर तथा उपहार देकर नव वर्ष की खुशियां साझा करते हुए उनका आशीर्वाद लिया। उपहार व अपनों से प्यार पाकर सभी वृद्ध-वृद्धाओं के चेहरे भी खुशी से खिल उठे। वहीं, ठंढ के मौसम को देखते हुए बजाज कम्पनी के दो बड़े-बड़े हीटर भी वहां के लिए दिए गए।

फुटबाल व अन्य खेल सामग्री पाकर बच्चे हुए खुश

फेफना में संचालित बालक आश्रय गृह के बच्चों के लिए सीडीओ विपिन जैन ट्रैक सूट, जैकेट व खाद्य सामग्री के साथ फुटबाल व अन्य खेल सामग्री भी साथ ले गए थे। जिलाधिकारी, उनकी पत्नी व बच्चों ने स्वेटर, जूते, कपड़े व अन्य सामानों का वितरण किया और नव वर्ष मनाया। सभी अधिकारियों ने अपने हाथों से बच्चों को जैकेट व ट्रैक सूट पहनाए। उपहार व खासकर खेल सामग्री पाकर बच्चे काफी खुश हो गए। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर सर्वेश यादव, एसओसी चकबन्दी धनराज यादव, लेखाधिकारी बेसिक अमित राय, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी राजीव यादव, नायब तहसीलदार अंजू, सीवीओ डॉ अशोक कुमार, पशु चिकित्साधिकारी राममूर्ति आदि थे।

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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