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बलिया पुलिस के खुलासे पर क्यों उठ रहे हैं सवाल, क्या है अवैध असलहा फैक्ट्री की हकीकत?

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बलिया जिले में पुलिस की दो टीमों के द्वारा एक कथित अवैध फैक्ट्री के जब्त किए जाने का मामला इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल पुलिस का दावा है कि यह फैक्ट्री असलहा बनाने की है। यानी यहां पिस्टल, तमंचा और कारतूस का कारोबार चल रहा था। जिले के उभांव और नगरा थाना की पुलिस टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर खंदवां गांव में असलहा फैक्ट्री का पता लगाया।

बात बीते बुधवार यानी एक दिसंबर की है। उभांव और नगरा थाना की पुलिस टीम खंदवां गांव पहुंची। गांव के पूरब की ओर पुलिस ने एक घर से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि पुलिस को एक 9mm की पिस्टल और 9mm की जिंदा कारतूस मिली है। 315 बोर की तीन तमंचा और 315 बोर का चार जिंदा कारतूस भी मिला है। साथ ही पुलिस के हाथ तमंचा बनाने की फैक्ट्री मय उपकरण भी लगी है। इसके अलावा एक मोटरसाईकिल बरामद हुआ है।

पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें संजय साहनी, मिथिलेश उर्फ लालू यादव, और गोबिन्द यादव शामिल हैं। ये तीनों अभियुक्त मऊ जनपद के मधुबन थाना के रहने वाले हैं। यानी ये तीनों मऊ से आकर बलिया में अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्री चला रहे थे। इन तीनों पर आर्म्स एक्ट के तहत चार अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस के इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं कि खंदवां गांव में असलहा बनाने की अवैध फैक्ट्री चल रही थी। पुलिस जब भी कोई कार्रवाई करती है तो प्रेस नोट जारी करती है। प्रेस नोट में कार्रवाई के संबंध में सारी जानकारी दी जाती है। लेकिन उभांव थाना द्वारा जारी प्रेस नोट में अवैध फैक्ट्री को लेकिन अधूरी सूचनाएं दी गई हैं।

मसलन अगर तीनों अभियुक्त मऊ जनपद के मूल निवासी हैं तो बलिया के खंदवां गांव में आकर किसकी जमीन पर असलहा बनाने के अवैध फैक्ट्री चालू की गई थी? पुलिस जिस फैक्ट्री का दावा कर रही है वो भवन किसका है? जमीन का पंजीकरण या भवन का मालिक कौन है? इसकी जानकारी पुलिस की ओर से प्रेस नोट में नहीं दी गई है। गिरफ्तार किए गए तीनों अभियुक्त किसकी मदद से बलिया खंदवां में यह फैक्ट्री चला रहे थे? यह बात पुलिस के प्रेस नोट में नहीं बताई गई है? पुलिस ने प्रेस नोट में कहा है कि फैक्ट्री से असलहा बनाने के उपकरण भी बरामद किए गए हैं। लेकिन पुलिस ये नहीं बताती है कि इसमें कौन-से उपकरण शामिल थे? जबकि असलहा और कारतूस की जानकारी पूरे विस्तार से दी गई है।

सवाल है कि क्या असलहा फैक्ट्री होने का पुलिस का दावा झूठा है? इसका पुख्ता सबूत तो नहीं है। लेकिन खंदवां गांव के लोग इस बात को मानने से इनकार कर रहे हैं कि उनके गांव में कोई असलहा बनाने की अवैध फैक्ट्री है? ऐसे में पुलिस को खुद ही इस मामले में विस्तार के साथ जानकारी देनी चाहिए। साथ ही लोगों की शंका दूर करनी चाहिए। ताकि पुलिस की कार्रवाइयों पर आम जनता का विश्वास बना रहे।

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सलेमपुर लोकसभा: बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

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लोकसभा चुनाव चुनाव के लिए रवींद्र कुशवाहा को इस बार भी बीजेपी ने सलेमपुर सीट से टिकट दिया है. सपा ने यहां रमांशकर राजभर को मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट की लड़ाई दिलचस्प तब हो गई जब मायावती की बसपा ने भीम राजभर को ताल ठोकने भेज दिया.

सलेमपुर लोकसभा सीट पर क्या है समीकरण? बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी का कितना असर है? बसपा की ओर से भीम राजभर को टिकट दिए जाने के बाद क्या सपा के लिए ये लड़ाई मुश्किल हो गई है? और क्या बसपा ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया है?

बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

मायावती ने बसपा के पूर्व यूपी अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से टिकट दिया था. लेकिन फिर उनकी सीट बदल दी गई. अब भीम राजभर को सलेमपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है. सपा ने यहां से रमाशंकर राजभर को टिकट दिया है. ऐसे में ज़ाहिर है कि सपा की ओर जा सकने वाला राजभर वोट भीम राजभर की एंट्री से बंट जाएगा.

ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा और बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में आजमगढ़ में बसपा का राजभर उम्मीदवार इस वर्ग के वोट के बंटवारे की वजह बनता. ऐसे में चर्चा है कि मायावती ने आजमगढ़ से अपने राजभर प्रत्याशी को कहीं और शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया. ऐसे में सलेमपुर सीट सबसे मुफीद साबित हुई क्योंकि यहां सपा के उम्मीदवार रमाशंकर राजभर इसी समाज से आते हैं.

बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ गुस्सा!

2014 में बीजेपी पहली बार सलेमपुर सीट से चुनाव जीत पाई थी. तब पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र कुशवाहा थे. कुशवाहा को पार्टी ने फिर 2019 में जीत दोहराने की उम्मीद से मैदान में उतारा और उन्होंने प्रदर्शन दोहरा भी दिया. अब 2024 में पार्टी ने इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए अपने सीटिंग सांसद को मौका दिया है. लेकिन इस बार पेंच फंस गया है. क्षेत्र की जनता में रवींद्र कुशवाहा के खिलाफ नाराज़गी है. आरोप लगता है कि कुशवाहा कभी अपने क्षेत्र की जनता का हाल जानने नहीं पहुंचते हैं. कोविड जैसे क्रूर दौर में भी उन्होंने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. पिछले महीने ही बलिया के गांव भीमपु में सांसद रवींद्र कुशवाहा जनता-जनार्दन का हाल जानने पहुंचे. लेकिन हाथों में पोस्टर लिए गांव के लोगों ने गाड़ी रोक दी. और नारेबाज़ी की, “योगी-मोदी से बैर नहीं, रवींद्र तुम्हारी ख़ैर नहीं!”

सलेमपुर सीट का मूड:

सलेमपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें देवरिया जिले की दो- भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीटें हैं. जबकि बलिया में पड़ती हैं 3 विधानसभा सीटें- बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सलेमपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से बीजेपी की विजयलक्ष्मी गौतम, भाटपार रानी से बीजेपी के सभा कुंवर कुशवाहा और बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर बीजेपी की केतकी सिंह, बेल्थरा रोड (सुरक्षित) सीट से सुभासपा के हंसूराम और सिकंदरपुर से सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने. विधानसभावार तरीके से देखें तो तीन सीटें बीजेपी के पास, एक उसकी साथी पार्टी के पास और एक सपा के पास है.

करीब 17 लाख वोटर्स वाले सलेमपुर सीट की जातिगत समीकरणों की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी जाति (कुशवाहा) के मतदाताओं की संख्या अधिक है. करीब 15 फीसदी ब्राह्मण, 18 फीसदी कुर्मी, मौर्य, कुशवाहा, 14 फीसदी राजभर, 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 4 फीसदी क्षत्रिय, 13 फीसदी अल्पसंख्यक जाति के मतदाता है. जबकि लगभग 4 फीसदी वैश्य, 2 फीसदी यादव, 2 फीसदी कायस्थ, 2 फीसदी सैंथवार और 4 फीसदी निषाद और बाकी अन्य जाति के वोटर्स हैं.

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बलिया के बांसडीह में रिहायशी बस्ती में लगी आग, जलकर खाक हुई सवा सौ झोपड़ियां

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बलिया के बांसडीह में आगजनी की गंभीर घटना सामने आई है। यहां खेवसर गांव के कुड़िया यादव बस्ती में शुक्रवार की दोपहर अचानक आग लग गई। आग की लपटों ने एक-एक कर पूरी बस्ती को अपनी चपेट में ले लिया। बताया जा रहा है कि आगजनी की इस घटना में बस्ती में रहने वाले 50 से अधिक परिवारों की सवा सौ झोपड़ियां जल गयी है। तेज हवाओं के चलते आग की लपटें तेजी से आगे बढ़ती गई, इन पर काबू पाना भी बेहद मुश्किल हो गया था। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की दो टीमें ग्रामीणों के साथ आग पर काबू पाने का प्रयास किया।

जानकारी के मुताबिक, तेज हवा के चलते दो हिस्सों में बंटी बस्ती की सभी झोपड़ियां आग की चपेट में आ गयी और सभी झोपड़ियां जल गयी हैं। आग लगते ही बस्ती में कोहराम मच गया तथा रिहायशी बस्ती के लोग घर से जान बचाकर भाग गए। झोपड़ियों में रखा सभी सामान जलकर राख हो गया है। कुछ लोगों के पक्के घर में भी रखा सामान जलकर राख हो गया है। सुभाष यादव की बाइक जल गई हैं।

बस्ती के ददन यादव और सुभाष यादव के घर पिछली रात ही शादी का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ था। घटना में ग्रामीणों का लाखों रूपया का नुक़सान हुआ है। कटाई और मढ़ाई के बाद घरों में रखा गेहूं, सरसों आदि अनाज भी जलकर राख हो गया है। आग से बाइक, साइकिल, बिस्तर, भूसा, अनाज, बरतन, कपड़े, चौकी, चारपाई आदि सभी सामान जलकर राख हो गया है। मौके पर पहुंचे तहसील और पुलिस प्रशासन आग बुझाने व आग से क्षति का आकलन कर रहा था।

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बलिया के जमुनाराम मेमोरियल स्कूल में हुआ विज्ञान की चुनौती प्रतियोगिता का आयोजन

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बलिया के चितबड़ागांव के जमुनाराम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के आयोजन होते रहते हैं। इसी कड़ी में आज स्कूल में विज्ञान की चुनौती 2024 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ये प्रतियोगिता केवल CBSE के मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए आयोजित की जाती है।

इस प्रतियोगिता में 8वीं से लेकर 10वीं तक पढ़ने वाले बच्चों ने भाग लिया। प्रथम चरण की परीक्षा में 8वीं के रोशन यादव और अभिनव यादव ने सर्वोच्च अंक हासिल किए। इसके अलावा कक्षा 9वीं के आयुष्मान सिंह और रोहन गिरी, कक्षा दसवीं से दीप्ति वर्मा और उत्कर्ष यादव का चयन द्वितीय चरण की परीक्षा के लिए हुआ है। ये परीक्षा जनपद स्तरीय होगी। विद्यालय के प्रधानाचार्य एब्री केबी ने बच्चों के सफलता के दृष्टिगत रखते हुए अगले चरण की प्रतियोगिता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी है। वहीं बच्चे भी आगे की प्रतियोगिता के लिए तैयारी में जुट गए हैं।

 

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