बलिया स्पेशल
बलिया में सपाइयों ने दिखाया दम, यूपी सरकार के खि’लाफ किया प्रदर्श’न, उम’ड़ा हुजूम
बलिया– बीते लोकसभा चुनाव और राज्यसभा में लगे झटके के बाद समाजवादी पार्टी सड़क पर संघर्ष कर संगठन में जान फूंकने के प्रयास करने में जुट गई है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा नेता व कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में अगस्त क्रांति दिवस के दिन विरोध प्रदर्शन किया ।
राज्य की कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर हुए इस प्रदर्शन के दौरान कई जगह सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में कई सपाई घायल हुए हैं । वहीँ शुक्रवार दोपहर सपा नेता व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में बलिया जिला कार्यालय पर भी धरना प्रदर्शन कर रहे थे । समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता लम्बे समय बाद शुक्रवार को अपने पुराने अंदाज़ में दिखे । लाल टोपी व झंडा लेकर उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद किया। सभी नेता अलग-अलग जुलूस लेकर डीएम कार्यालय पहुंचे।
क्या बोले बलिया के सपाई नेता – धरना सभा में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा सरकार सत्ता में आयी है, किसी भी क्षेत्र में एक भी युवाओं को नौकरी नहीं दी गयी। प्रदेश में आराजकता का माहौल है। कहा कि पिछड़े वर्ग का वोट लेकर सत्ता में आई भाजपा हर क्षेत्र में पिछड़ों का ही हक मार रही है।
शिक्षण संस्थाओं में बेतहाशा शुल्क वृद्धि हुई है। उन्नाव में पीड़िता बेटी को न्याय नहीं मिल रहा है। उभ्भा में सामूहिक नरसंहार हुआ। बहन-बेटियों के साथ रोज अनहोनी हो रहा है। इतना सबके बावजूद सरकार मौन है। वह लोगों का ध्यान दूसरे मुद्दों पर भटकाने की साजिश कर रही है। राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय ने युवाओं का आह्वान किया कि इस सरकार के खिलाफ लड़ाई में आप सबके सहयोग की आवश्यकता है।
पूर्व मंत्री मो. रिजवी ने कहा कि प्रदेश सरकार अल्पसंख्यकों के मन में भय पैदा करना चाहती है।सनातन पांडेय ने कहा कि आज देश में आपात काल से भी बदतर हालात हैं। सरकार अपनी मशीनरी के बल पर उसे दबाने का कार्य कर रही है। पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा कि जिले का किसान जल जमाव से परेशान है। फसलों की बुआई नहीं हुई, जो हुई थी वह भी सड़ गयी। नगर की नालियां बजबजा रही हैं, लेकिन सरकार व उसके नुमाइंदे बेफिक्र हैं। अध्यक्षता संग्राम सिंह यादव व संचालन राजन कन्नौजिया ने किया।
पुरे प्रदेश में हुए धरना कार्यक्रम में पार्टी के सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं सहित समाजवादी पार्टी के सभी युवा संगठन, महिला सभा तथा अन्य प्रकोष्ठों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता ने हिस्सा लिया. इस दौरान सपाइयों ने 25 सूत्रीय मांगें भी रखी.
बता दें की प्रदर्शन व धरना-सभा में जिपं अध्यक्ष सुधीर पासवान, पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल, पूर्व विधायक होरख पासवान समेत दर्ज़नो नेता और कार्यकर्त्ता मौजूद रहे । इसके अलावा सिकंदरपुर, बिल्थरारोड, बैरिया, फेफना, रसड़ा, बांसडीह विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल हुए।
featured
बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल
बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।
बताया जा रहा है कि सफारी में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।
featured
कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !
featured
बलिया के चंद्रशेखर : वो प्रधानमंत्री जिसकी सियासत पर हमेशा हावी रही बगावत
आज चन्द्रशेखर का 97वा जन्मदिन है….पूर्वांचल के ऐतिहासिक जिले बलिया के इब्राहिमपट्टी गांव में जन्म लेने वाले चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री बनने से पहले किसी राज्य या केंद्र में मंत्री पद नहीं संभाला था, लेकिन संसद से लेकर सड़क तक उनकी आवाज गूंजती थी. युवा तुर्क के नाम से मशहूर चंद्रशेखर की सियासत में आखिर तक बगावत की झलक मिलती रही.
बलिया के किसान परिवार में जन्मे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ‘क्रांतिकारी जोश’ और ‘युवा तुर्क’ के नाम से मशहूर रहे हैं चन्द्रशेखर का आज 97वा जन्मदिन है. पूर्वांचल के ऐतिहासिक जिला बलिया के इब्राहिमपट्टी गांव में जन्म लेने वाले चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री बनने से पहले किसी राज्य या केंद्र में मंत्री पद नहीं संभाला था, लेकिन संसद से लेकर सड़क तक उनकी आवाज गूंजती थी. चंद्रशेखर भले ही महज आठ महीने प्रधानमंत्री पद पर रहे, लेकिन उससे कहीं ज्यादा लंबा उनका राजनीतिक सफर रहा है.
चंद्रशेखर ने सियासत की राह में तमाम ऊंचे-नीचे व ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरने के बाद भी समाजवादी विचारधारा को नहीं छोड़ा.चंद्रशेकर अपने तीखे तेवरों और खुलकर बात करने वाले नेता के तौर पर जाने जाते थे. युवा तुर्क के नाम से मशहूर चंद्रशेखर की सियासत में आखिर तक बगावत की झलक मिलती रही. बलिया के इब्राहिमपट्टी गांव में 17 अप्रैल 1927 को जन्मे चंद्रशेखर कॉलेज टाइम से ही सामाजिक आंदोलन में शामिल होते थे और बाद में 1951 में सोशलिस्ट पार्टी के फुल टाइम वर्कर बन गए. सोशलिस्ट पार्टी में टूट पड़ी तो चंद्रशेखर कांग्रेस में चले गए,
लेकिन 1977 में इमरजेंसी के समय उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. इसके बाद इंदिरा गांधी के ‘मुखर विरोधी’ के तौर पर उनकी पहचान बनी. राजनीति में उनकी पारी सोशलिस्ट पार्टी से शुरू हुई और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी व प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के रास्ते कांग्रेस, जनता पार्टी, जनता दल, समाजवादी जनता दल और समाजवादी जनता पार्टी तक पहुंची. चंद्रशेखर के संसदीय जीवन का आरंभ 1962 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने जाने से हुआ. इसके बाद 1984 से 1989 तक की पांच सालों की अवधि छोड़कर वे अपनी आखिरी सांस तक लोकसभा के सदस्य रहे.
1989 के लोकसभा चुनाव में वे अपने गृहक्षेत्र बलिया के अलावा बिहार के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से भी चुने गए थे. अलबत्ता, बाद में उन्होंने महाराजगंज सीट से इस्तीफा दे दिया था. 1967 में कांग्रेस संसदीय दल के महासचिव बनने के बाद उन्होंने तेज सामाजिक बदलाव लाने वाली नीतियों पर जोर दिया और सामंत के बढ़ते एकाधिकार के खिलाफ आवाज उठाई. फिर तो उन्हें ऐसे ‘युवा तुर्क’ की संज्ञा दी जाने लगी, जिसने दृढ़ता, साहस एवं ईमानदारी के साथ निहित स्वार्थों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. संसद से लेकर सड़क तक उनकी आवाज गूंजती थी.
‘युवा तुर्क’ के ही रूप में चंद्रशेखर ने 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध के बावजूद कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति का चुनाव लड़ा और जीते. 1974 में भी उन्होंने इंदिरा गांधी की ‘अधीनता’ अस्वीकार करके लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन का समर्थन किया. 1975 में कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने इमरजेंसी के विरोध में आवाज उठाई और अनेक उत्पीड़न सहे. 1977 के लोकसभा चुनाव में हुए जनता पार्टी के प्रयोग की विफलता के बाद इंदिरा गांधी फिर से सत्ता में लौटीं और उन्होंने स्वर्ण मंदिर पर सैनिक कार्रवाई की तो चंद्रशेखर उन गिने-चुने नेताओं में से एक थे,
जिन्होंने उसका पुरजोर विरोध किया. 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की जनता दल सरकार के पतन के बाद अत्यंत विषम राजनीतिक परिस्थितियों में वे कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे. पिछड़े गांव की पगडंडी से होते हुए देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले चंद्रशेखर के बारे में कहा जाता है कि प्रधानमंत्री रहते हुए भी दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास यानी 7 रेस कोर्स में कभी रुके ही नहीं. वह रात तक सब काम निपटाकर भोड़सी आश्रम चले जाते थे या फिर 3 साउथ एवेन्यू में ठहरते थे. उनके कुछ सहयोगियों ने कई बार उनसे इस बारे में जिक्र किया तो उनका जवाब था कि
सरकार कब चली जाएगी, कोई ठिकाना नहीं है. वह कहते थे कि 7 रेसकोर्स में रुकने का क्या मतलब है? प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें बहुत कम समय मिला, क्योंकि कांग्रेस ने उनका कम से कम एक साल तक समर्थन करने का राष्ट्रपति को दिया अपना वचन नहीं निभाया और अकस्मात, लगभग अकारण, समर्थन वापस ले लिया. चंद्रशेखर ने एक बार इस्तीफा दे देने के बाद राजीव गांधी से उसे वापस लेने का अनौपचारिक आग्रह स्वीकार करना ठीक नहीं समझा. इस तरह से उन्होंने पीएम बनने के तकरीबन 8 महीने के बाद ही इस्तीफा देकर पीएम की कुर्सी छोड़ दी.
(लेखक इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार हैं)
-
बलिया6 days ago
JEE मेन के दूसरे सत्र का परिणाम जारी, बलिया के छात्रों ने लहराया परचम
-
featured1 week ago
कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !
-
featured7 days ago
बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल
-
featured2 weeks ago
बलिया के चंद्रशेखर : वो प्रधानमंत्री जिसकी सियासत पर हमेशा हावी रही बगावत
-
featured2 weeks ago
जानें कौन हैं UP बोर्ड 10वीं के बलिया टॉपर, जिन्होंने जिले का नाम किया रोशन!
-
featured1 week ago
बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम
-
बलिया3 weeks ago
बलिया: तेज रफ्तार पिकअप ने बाइक को मारी टक्कर, 1 युवक की मौत, 1 की हालत गम्भीर
-
बलिया2 weeks ago
बलिया में अचानक आग का गोला बनी पिकअप गाड़ी, करंट की चपेट में आने से हुआ हादसा