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क्या बक्सर में गंगा घाट पर मिली लाशें बलिया की हैं?

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बलिया। पूर्वांचल सहित बलिया में कोरोना के सरकारी आंकड़ों के हिसाब से प्रतिदिन कुल 300 के लगभग मामले सामने आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों पर कितना विश्वास करना है यह तो आम जनमानस को पता ही है लेकिन देश भर में प्रतिदिन कोविड के लिए जारी हो रहे रिकॉर्ड में यही डेटा शामिल किया जाता है। आंकड़ों और कोरोना से हो रही मौतों के बीच बलिया से सटे बिहार के जिले बक्सर से एक हृदयविदारक तस्वीर सामने आई है। यहां के चौसा गंगा घाट पर करीब 40 से अधिक लाशें गंगा में तैरती मिली हैं। डीएम का कहना है कि यह उत्तर प्रदेश से बहकर आई हैं। अगर यह सच है तो गंगा इस पार बलिया और गाज़ीपुर के लिए यह सोचने की बात है।

क्या कहते हैं आंकड़ें
बलिया में प्रतिदिन कोरोना के आँकड़ें जारी होते हैं। बीते एक सप्ताह में पांच मई से 10 मई के बीच सरकारी आंकड़ों के हिसाब से कोरोना से 18 मौते हुईं हैं। इसके आलावा जिले में अब तक कोविड से 196 लोगों की जान गई है। जिले के आला अधिकारी स्थिति को नियंत्रण में बताने में लगे हैं और गंगा पार के डीएम ने अप्रत्यक्ष तौर पर उत्तर प्रदेश पर आरोप लगाया है। हमने सीएमओ से बात करने की कोशिश की मगर तकरीबन 10 घंटों में दर्जनों बार फोन किया और संपर्क नहीं हो सका। जिले में जवाबदेह अधिकारियों से बात कर पाना फिलहाल संभव नहीं हो पाया अत: खबर में जिला प्रशासन का पक्ष नहीं लिखा जा सका।

बलिया के महावीर घाट पर चिता जलाने वाले कामगार ने बलिया खबर से बातचीत में कहा कि बलिया में लाशों को जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ रही हैं। उसने कहा, ‘पिछले दो सप्ताह से लकड़ियां कम पड़ रहीं थीं लेकिन अब चइली (लकड़ी के छोटे टुकड़े) भी नहीं बची है। बहुत मुश्किल से लोग लकड़ी का जुगाड़ कर रहे हैं, जो नहीं कर पा रहे वह घाट पर लाशों को पानी में छोड़ कर चले जा रहे हैं।’ ऐसे में सवाल है कि ऐसी स्थिति में अचानक बढ़ी मौतों का कारण कोरोना नहीं है तो और क्या है?

पीपीई किट में लपेटी हुई लाशें

बक्सर के स्थानीय अखबार दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक लाशों की संख्या 40 से अधिक है। हमने बक्सर के दैनिक भास्कर के पत्रकार मंगलेश कुमार से बात की। उन्होंने बताया, ‘स्थानीय जिला प्रशासन ने इन लाशों का अंतिम संस्कार करा दिया है। उन्होंने कहा, ‘बक्सर प्रशासन ने 10 मई की देर रात अंतिम संस्कार कराया है। इनमें से कुल 28 लाशों का सैंपल भी लिया गया है।’ उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ लाशें तो पीपीई किट में थीं। दैनिक भास्कर के मुताबिक घाट के पंडित दीनानाथ ने बताया कि वह लाशें संक्रमितों की ही हैं। औसतन 3 से 5 चिताएं जलती थीं अब लगभग 30से 35 चिताएं जल रही हैं।

क्या है सच
बक्सर में मिल रही लाशों और कोविड से हो रही मौतों के सरकारी आंकड़ों में सबकुछ ठीक है इस पर सवाल उठना लाज़िम है। बलिया के लगभग हर गांव में बीते सप्ताह भर में लोगों की जानें गईं हैं। लोग अभी भी मर रहे हैं। सर्दी-बुखार और सांस लेने में दिक्कत के बाद सीधे परलोक सिधार जा रहे ग्रामीण ना तो किसी कोरोना से मरने वालों के आंकड़ों में आ रहे हैं और ना ही यह साफ हो पा रहा कि उन्हें कोरोना ही था। मगर गांवों कोरोना के लक्षणों से हो रही मौत को क्या माना जाए यह सवाल आप से है। सवाल यह भी है कि क्या ये जानें थोड़ी सी जागरुकता और सरकारी प्रबंधन के बेहतर होने से बचाईं जा सकती थीं? स्थानीय प्रशासन, आला अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस वक्त क्या कर रहे हैं यह भी आम जनमानस के सामने स्पष्ट होगा। फिलहाल बलिया जिले में हो रही मौतों और अस्पताल का हाल यहां के लोगों से छिपा नहीं है और अब प्रदेश के उस पार मिल रही लाशों को लेकर भी संशय बना हुआ है।

रिपोर्ट- शाश्वत उपाध्याय 

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सलेमपुर लोकसभा: बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

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लोकसभा चुनाव चुनाव के लिए रवींद्र कुशवाहा को इस बार भी बीजेपी ने सलेमपुर सीट से टिकट दिया है. सपा ने यहां रमांशकर राजभर को मैदान में उतारा है. लेकिन इस सीट की लड़ाई दिलचस्प तब हो गई जब मायावती की बसपा ने भीम राजभर को ताल ठोकने भेज दिया.

सलेमपुर लोकसभा सीट पर क्या है समीकरण? बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ नाराजगी का कितना असर है? बसपा की ओर से भीम राजभर को टिकट दिए जाने के बाद क्या सपा के लिए ये लड़ाई मुश्किल हो गई है? और क्या बसपा ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया है?

बसपा का वॉकओवर, सपा की मुश्किलें!

मायावती ने बसपा के पूर्व यूपी अध्यक्ष भीम राजभर को आजमगढ़ से टिकट दिया था. लेकिन फिर उनकी सीट बदल दी गई. अब भीम राजभर को सलेमपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है. सपा ने यहां से रमाशंकर राजभर को टिकट दिया है. ऐसे में ज़ाहिर है कि सपा की ओर जा सकने वाला राजभर वोट भीम राजभर की एंट्री से बंट जाएगा.

ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा और बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में आजमगढ़ में बसपा का राजभर उम्मीदवार इस वर्ग के वोट के बंटवारे की वजह बनता. ऐसे में चर्चा है कि मायावती ने आजमगढ़ से अपने राजभर प्रत्याशी को कहीं और शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया. ऐसे में सलेमपुर सीट सबसे मुफीद साबित हुई क्योंकि यहां सपा के उम्मीदवार रमाशंकर राजभर इसी समाज से आते हैं.

बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ गुस्सा!

2014 में बीजेपी पहली बार सलेमपुर सीट से चुनाव जीत पाई थी. तब पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र कुशवाहा थे. कुशवाहा को पार्टी ने फिर 2019 में जीत दोहराने की उम्मीद से मैदान में उतारा और उन्होंने प्रदर्शन दोहरा भी दिया. अब 2024 में पार्टी ने इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए अपने सीटिंग सांसद को मौका दिया है. लेकिन इस बार पेंच फंस गया है. क्षेत्र की जनता में रवींद्र कुशवाहा के खिलाफ नाराज़गी है. आरोप लगता है कि कुशवाहा कभी अपने क्षेत्र की जनता का हाल जानने नहीं पहुंचते हैं. कोविड जैसे क्रूर दौर में भी उन्होंने लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया. पिछले महीने ही बलिया के गांव भीमपु में सांसद रवींद्र कुशवाहा जनता-जनार्दन का हाल जानने पहुंचे. लेकिन हाथों में पोस्टर लिए गांव के लोगों ने गाड़ी रोक दी. और नारेबाज़ी की, “योगी-मोदी से बैर नहीं, रवींद्र तुम्हारी ख़ैर नहीं!”

सलेमपुर सीट का मूड:

सलेमपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें देवरिया जिले की दो- भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीटें हैं. जबकि बलिया में पड़ती हैं 3 विधानसभा सीटें- बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सलेमपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से बीजेपी की विजयलक्ष्मी गौतम, भाटपार रानी से बीजेपी के सभा कुंवर कुशवाहा और बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर बीजेपी की केतकी सिंह, बेल्थरा रोड (सुरक्षित) सीट से सुभासपा के हंसूराम और सिकंदरपुर से सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने. विधानसभावार तरीके से देखें तो तीन सीटें बीजेपी के पास, एक उसकी साथी पार्टी के पास और एक सपा के पास है.

करीब 17 लाख वोटर्स वाले सलेमपुर सीट की जातिगत समीकरणों की बात करें तो एक अनुमान के मुताबिक पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी जाति (कुशवाहा) के मतदाताओं की संख्या अधिक है. करीब 15 फीसदी ब्राह्मण, 18 फीसदी कुर्मी, मौर्य, कुशवाहा, 14 फीसदी राजभर, 15 फीसदी अनुसूचित जाति, 4 फीसदी क्षत्रिय, 13 फीसदी अल्पसंख्यक जाति के मतदाता है. जबकि लगभग 4 फीसदी वैश्य, 2 फीसदी यादव, 2 फीसदी कायस्थ, 2 फीसदी सैंथवार और 4 फीसदी निषाद और बाकी अन्य जाति के वोटर्स हैं.

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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