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अपराधियों से मेलजोल रखने वाले पुलिसकर्मियों की खैर नहीं, राजनैतिक दबाव में नहीं होगा कोई काम- बलिया एसपी

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बलिया डेस्क : अमरोहा से तबादला हो कर बलिया आये नए एसपी डा. विपिन टाडा सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए। जहाँ उन्होंने अपने इरादे से साफ़ बता दिया कि अब बलिया में महिलाओं की सुरक्षा और बुजुर्गों को न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।

उन्होंने मीडिया को संबोधित को  संबोधित करते हुए कहा कि समाज के आखिरी व्यक्ति तक समय से न्याय दिलाया जाय, यही मेरी वरीयता का मुख्य विषय होगा। एसपी ताडा ने कहा कि हर हाल में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा जाएगा। जिले में अब पुलिस किसी के दबाव में काम नहीं करेगी।

जाम के झाम से मिलेगी मुक्ति

नगर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में नवागत पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन टाडा ने कवायदें तेज कर दिया। सोमवार को मीडिया के लोगों के सामने रुबरु हुए एसपी ने कहा कि हर हाल में नगर में यातायात व्यवस्था सुधारने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नगर जाम लगने के कारणों पर करीब आधे घंटे से अधिक समय तक विचार-विमर्श किया।

एक सवाल के जवाब में कहा कि जनप्रतिनिधियों का हक है कि पीडि़त एवं वंचित के हक के मुद्दे को सामने लाने में मदद करें। जनता की समस्याओं को उठाये. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी दशा में पुलिस किसी दबाव में कार्य करें। यह मेरे हिसाब से ठीक नहीं है।

नाजायज दबाव में अब पुलिस कोई कार्य नहीं करेगी। नगर में पुलिस का वर्चस्व बढ़ाने की दिशा में पहल की जाएगी। एसपी ने कहा कि सभी थानाध्यक्षों की बैठक आने के बाद मैने लिया था। जिसमें मैने साफ कर दिया है कि अब तक किस तरह से काम हुआ है उससे हमें कोई मतलब नहीं है, लेकिन अब जो कोई थानाध्यक्ष गुडवर्क और वैडवर्क करेगा, उसके खाते में दर्ज होगा।

उसी के आधार में उसके कार्य का आकलन किया जाएगा। कहा कि सात दिसंबर से थानों के थानेदारों के कार्य का नया खाता खोल दिया गया है। गलत कार्य करने वाले थानेदार मुझे कत्तई बर्दाश्त नहीं होंगे। थाने से लेकर जिला मुख्यालय तक फरियादियों को चक्कर न काटनी पड़े। इसके लिए ऐसी व्यवस्था की गयी है।

पहली बार में ही उसे बता दिया जाएगा कि यह मामला पुलिस निपटाएगी या कोर्ट से निबटेगा। थानों पर जनता का काम करने वाले ही अब थानेदार रहेंगे। कार्य में कोताही व लापरवाही बरतने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अब पुलिस को जनता का मित्र बनकर कार्य करना होगा। उन्होंने गैर प्रांत के बार्डर पर होने वाले गो तस्करी और शराब तस्करी को भी गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया। कहा कि इस धंधे में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हर हाल में रूकना चाहिए शराब तस्करी व अवैध खनन
नवागत पुलिस अधीक्षक डा. विपिन टाडा ने कहा कि अपराधियों से साठगांठ रखने वाले पुलिस कर्मियों की हमें जरूरत नहीं है। यदि ऐसा है तो अपने में तत्काल सुधार लिए, वरना कार्रवाई तय है।

पत्रकारों के सवाल के जवाब में टाडा ने कहा कि जिले में अवैध कोई भी कार्य नहीं होगा। यदि ऐसा हुआ तो संंबंधित थानेदार सजा भुगतने के लिए तैयार रहे। बिहार राज्य से सटे थानों को विशेष तौर पर निगाह पर रखा जाएगा। पशु तस्करी, शराब तस्करी व अवैध खनन कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आज से एसपी के निर्देशों का पालन करेंगे थानेदार
पुलिस अधीक्षक डा. विपिन टाडा ने कहा कि संबंधित थानेदारों व क्षेत्राधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक की गई है। जिसमें उन्हें सख्त निर्देश दिए गए हैं। कानून व्यवस्था से मजाक बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जो गाइडलाइन है, उसके मुताबिक सभी कार्य किए जाएंगे। इसके पूर्व क्या हुआ मैं उसके तह में नहीं जाना चाहता हूं, लेकिन मेरे समय में सब कुछ अलग सा होगा। पत्रकारों ने जिले में विभिन्न समस्याओं से भी अवगत कराते हुए कहा कि जिले के कई थानेदार छोटी सी छोटी समस्याओं का समाधान न करके पीडि़तों के साथ अन्याय करते हैं।

जिसके कारण पीडि़त जब आपके पास पहुंचते हैं तभी ऐसा होता है कि आप क्षेत्र भ्रमण पर होते हैं और पीडि़त को निराश होकर वापस होना पड़ता है। एसपी ने कहा कि अब कोई पीडि़त थाने से निराश होकर नहीं जाएगा। उसके साथ भरपूर न्याय होगा। यदि कोई थानेदार पीडि़त पक्ष का नहीं सुनता है तो इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

राजनैतिक दबाव में नहीं होगा कोई काम
एसपी डा. विपिन टाडा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सभी कार्य किए जाएंगे। लेकिन कार्य सही होना चाहिए। यदि गलत पैरती कहीं से होती है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जनप्रतिनिधि जनता से जुड़े होते हैं यदि उनके माध्यम से जनता की समस्या उनके पास आती है तो पहले उसकी जांच की जाएगी, यदि सही है तो प्राथमिकता से उसका निदान किया जाएगा। यदि गलत है तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा, 4 की मौत 1 गंभीर रूप से घायल

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बलिया में भयंकर सड़क हादसा सामने आया है जहां 4 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही है। वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ये हादसा फेफना थाना क्षेत्र के राजू ढाबा के पास बुधवार की रात करीब 10:30 बजे हुआ। खबर के मुताबिक असंतुलित होकर बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रही सफारी कार पलट गई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सूचना मिलने पर पर पहुंची पुलिस ने चारों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। मृतकों की शिनाख्त क्रमशः रितेश गोंड 32 वर्ष निवासी तीखा थाना फेफना, सत्येंद्र यादव 40 वर्ष निवासी जिला गाज़ीपुर, कमलेश यादव 36 वर्ष  थाना चितबड़ागांव, राजू यादव 30 वर्ष थाना चितबड़ागांव बलिया के रूप में की गई। जबकि घायल छोटू यादव 32 वर्ष निवासी बढ़वलिया थाना चितबड़ागांव जनपद बलिया का इलाज जिला अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि सफारी  में सवार होकर पांचो लोग बलिया से चितबड़ागांव की ओर जा रहे थे, जैसे ही पिकअप राजू ढाबे के पास पहुँचा कि सड़क हादसा हो गया।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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